भारी बारिस से कोयल नदी का जलस्तर बढ़ा, सहार बिहरा गांव हुआ जलमग्न
देश की सरहद पर तैनात गांव के सैकड़ों लोगों को सता रही गांव घर और परिवार की चिंता
बंशीधर न्यूज
मोहम्मदगंज : दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सभी नदियां उफान पर है। बाढ़ का पानी भीम बराज के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में तो तबाही मचा ही रही है, बराज से निचले हिस्सों में भी नदी किनारे के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस कर लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
जिले के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र में सहार बिहरा गांव है, जहां के सैकड़ों जवान जिले से लेकर देश की सरहद पर भारत मां के आंचल को अखंड बनाये रखने के लिए दिन-रात तैनात है। लेकिन बरसात की मौसम में उन्हें भी गांव घर और परिवार की चिंता सताने लगी है जिससे अपनी डयूटी में तैनात जवान तनाव में रहते हैं। कारण भी लाजमी है।
अभी लगातार कई दिनों से हो रही बारिश से कोयल नदी का जलस्तर बढ़ते ही गांव में बाढ़ का पानी घुस कर तबाही मचा दिया है। वर्ष 1976 में आई बाढ़ के समय से वहां के लोग तटबंध की मांग करते आ रहे हैं ताकि गांव को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके। 1976 में आयी भयंकर बाढ़ से गांव में तबाही मच गयी थी। तब से गांव के लोग उस दिन को याद कर वर्षा के दिनों में भयभीत हो उठते है।
अभी तक इतने दिनों के बाद भी किसी जनप्रतिनिधियों ने उनके इस घाव पर मरहम नहीं लगाया जिससे उनकी वेदना और बढ़ती जा रही है। इस मामले को लेकर जनप्रतिनिधियों व सरकारी तंत्र के मुलाजिमों की उदासीनता से उनका आक्रोश भी उसी अनुपात में बढ़ता जा रहा है। गांव के 95 फीसदी लोग सरकारी सेवा में कार्यरत हैं।
उस गांव से न्यायिक सेवा, शिक्षा सेवा, झारखंड पुलिस, बिहार पुलिस, सीआरपीएफ, सशस्त्र सीमा बल, इंडियन तिब्बत पुलिस, इंडियन आर्मी, बीएसएफ, सीआईएसएफ, इंडियन नेवी समेत अन्य कई विभागों में सेवा दे रहे हैं।
बावजूद उनकी परिवारिक व सामाजिक सुरक्षा का दायित्व सरकार और प्रशासन नहीं उठा पा रहा है। गांव लोगों ने सरकार से बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए तटबंध व गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क निर्माण कराने की गुहार लगाई हैं।
मौके पर केके शर्मा, संजय शर्मा, अशोक शर्मा , परमहंस शर्मा, मानिकचंद शर्मा, गोपाल शर्मा, फुलेंद्र शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा समेत कई लोगों ने बताया कि उनलोगों ने सांसद और विधायक से मिलकर उनकी मांगों पर सहानुभूति विचार करने और रक्षा की गुहार लगाई है। जिससे गांव के लोग बरसात के दिनों में भयमुक्त हो कर रह सकें।