उंटारी के शिव संपत धाम परिसर में 17 अक्टूबर से शुरू होगा श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ, तैयारी अंतिम चरण में

उंटारी के शिव संपत धाम परिसर में 17 अक्टूबर से शुरू होगा श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ, तैयारी अंतिम चरण में

धार्मिक अनुष्ठान को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह

श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के आगमन को लेकर उत्साहित हैं श्रद्धालु भक्तगण

बंशीधर न्यूज

विश्रामपुर : उंटारी रोड प्रखंड मुख्यालय स्थित लोक आस्था का केंद्र बन चुका शिव संपत धाम परिसर में भारत के महान मनीषी तपोनिष्ठ पूज्य संत 'श्री त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज ''के कृपा पात्र प्रातः स्मरणीय श्रीलक्ष्मी प्रपन जियर स्वामी जी महाराज के सानिध्य मे 17 अक्टूबर से श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ होना सुनिश्चित किया गया है। महायज्ञ 17 अक्टूबर को कलश यात्रा से शुरू होकर 22 अक्टूबर को वृहद पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न होगा।

महायज्ञ के आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुका है। गेरुआ रंग में मंदिर का रंग रोगन होते ही वह चमक उठा है। परिसर की साफ सफाई युद्धस्तर में चल रहा है। जबकि बिहार के मुजफ्फरपुर से आये कारीगरों ने यज्ञशाला बनाकर यज्ञ कमेटी को समर्पित कर दिया है। परम् आराध्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज की कुटिया भी बनकर तैयार है, उसे सजाने सवारने में कई कारीगर व मजदूर लगे हुये हैं।

इसी तरह मंदिर परिसर में विभिन्न प्रजाति के उम्दा किस्म के फूल- पौधे बाहर से मंगवाकर लगाया जा रहा है। ताकि इस धार्मिक आयोजन को ऐतिहासिक रूप दिया जा सके। महायज्ञ कमेटी के अध्यक्ष सह वरीय भाजपा नेता व जिला पार्षद अरविंद सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र के लोग बड़भागी हैं कि राष्ट्रीय संत स्वामी जी महाराज के अलावे देश के कई हिस्सों से संत महात्मा व कथावाचक इस धार्मिक स्थल पर पहुंच रहे हैं।

उनकी उपस्थिति मात्र से इस धरा धाम की न सिर्फ महत्ता बढ़ जायेगी। बल्कि यहां के लोग उन्हें सपने बीच पाकर धन्य हो जाएंगे। क्योंकि ऐसा सुअवसर जल्द सुलभ नहीं होता है। यह सब उनकी महती कृपा से ही संभव हो पा रहा है। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि यज्ञ में आर्थिक सहयोग के लिये आसपास के लोग आगे बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सतबहिनी गांव से 60 टीना विशुद्ध घी वहीं नवगढ़ गांव से 51 क्विंटल आटा, सिंड़हा गांव से 40 क्विंटल चीनी, कुटमू गांव से यज्ञ हवन की पूरी सामाग्री, वहीं भदुमा से 10 क्विंटल बेसन और पांडू प्रखंड के मुसीखाप से 25 क्विंटल आटा यज्ञ के लिये मिल चुका है।

उन्होंने यह भी बताया कि पांडू प्रखंड के ढाचाबार गांव के कोयला व्यवसायी सोनू सिंह ने 15 टन कोयला देंगे। जिसका उपयोग यज्ञ के दौरान महाप्रसाद बनाने में किया जाता है। महायज्ञ कमेटी के अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि यज्ञ कमेटी के सदस्यों के अलावे खैरांचल इलाके के सभी गांव के प्रबुद्ध और गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर महायज्ञ के सफल बनाने की रणनीति तय कर ली गई है।

पुनः बैठक कर इस महायज्ञ को एतिहासिक व यादगार बनाने के लिये प्रबुद्ध लोगों से परामर्श लिया जायेगा। ताकि सफल आयोजन में कहीं से कोई कमी नहीं रह जाय। उन्होंने यह भी बताया कि महायज्ञ के दौरान देश के कई हिस्से से प्रवचन करने विद्वान संत पंहुच रहे हैं। जिनकी सहमति भी मिल चुकी है। उसमें स्वामी बैकुंठ स्वामी जी महाराज, मानस मर्मज्ञ किंकर स्वामी जी महाराज सहित कई विद्वान संत व कथावाचक पधार रहे हैं।