इस बार होलिका दहन में भद्रा का साया , शुभ मुहूर्त में करें होलिका दहन : श्रीकांत मिश्र

इस बार होलिका दहन में भद्रा का साया , शुभ मुहूर्त में करें होलिका दहन : श्रीकांत मिश्र

बंशीधर न्यूज

26 मार्च को यानि मंगलवार को उदया तिथि के कारण इस दिन मनाए होली.....

रांची : पूरा देश धीरे - धीरे होली के रंग में सराबोर होने को तैयार है। वहीं अगर बात करें देश के उत्तर भारत में जब भी रंगो के त्योहार की बात होती है, तो इसमें होली का त्योहार सबसे प्रमुख त्योहार है। भारतीय को इस त्योहार का विशेष रूप से इंतजार रहता है। होली रंगों का त्यौहार है और इस दिन लोग सभी प्रकार के भेदभाव को भूलकर एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर जश्न मनाते हैं। तमाम रंगों से सराबोर होकर इस त्योहार को मनाने को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है।

इस बार भी होलिका दहन में भद्राकाल का साया : श्रीकांत मिश्र

देव वाणी सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्र जी बताया कि होली रंगों का त्योहार है, होली के त्योहार में लोग सभी प्रकार के भेदभाव को भूलकर आनंद के सागर में डूब जाते हैं। उन्होंने कहा वैदिक पंचांग और ज्योतिष के विद्वानों के मतानुसार होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रात्रि 10 बजकर 27 मिनट के बाद शुभ मुहूर्त होगा। यानी इस दौरान होलिका करना शुभ रहेगा। होलिका दहन 24 मार्च को भद्रा के उपरांत रात्रि 10:27 के बाद होगा 25 मार्च को पूर्णिमा दोपहर 11:31 तक होने के कारण काशी के अतिरिक्त कहीं भी होली का मान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस बार भी होलिका दहन पर भद्राकाल का साया है। होलिका दहन भद्राकाल के उपरांत करना उचित रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्राकाल को शुभ नहीं माना जाता है और इस दौरान किसी भी तरह का पूजा-पाठ व शुभ काम करना वर्जित होता है।

इस बार 26 मार्च को मनाए होली : श्रीकांत मिश्र

देव वाणी सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्र जी ने बताया कि इस बार होली 26 मार्च यानि मंगलवार को मनाए। उदया तिथि के कारण इस दिन ही होली मनाई जाएगी। चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होली का उत्सव मनाया जाता है। 26 मार्च को सूर्योदय प्रतिपदा में है दोपहर 01:27 तक रहेगा जिसमें होली मानना चाहिए। उन्होंने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार ,"प्रवृते मधुमासे तु प्रतिपद्वुदाते रवो " होली के लिए शास्त्र सम्मत चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में सूर्य का उदय एवम् 8 दण्ड का भोग होना चाहिए 26 को सूर्योदय प्रतिपदा में एवम् 18 दण्ड 47 पल का भोग प्रतिपदा का है, अतेव काशी के अतिरिक्त सभी जगह 26 मार्च को होली मनाई जाएगी ।

हिन्दू धर्म मे है होली का विशेष महत्व हिन्दू धर्म मे सभी त्योहार का अपना अलग ही विशेष महत्व होता है। वहीं अगर बात करे होली कि तो यह त्योहार हर वर्ग हर उम्र के लोग में एक अलग भी स्नेह और उत्साह देखने को मिलता है। युवाओं में इस त्योहार के अवसर पर रंगों के साथ खेलने को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और अबीर-गुलाल लगाकर दोस्ती और भाईचारे का परिचय देते हैं।

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