अस्पताल के बाहर गंदे जगह पर मानसिक दिव्यांग महिला का किया इलाज

अस्पताल के बाहर गंदे जगह पर मानसिक दिव्यांग महिला का किया इलाज

मरीज का जख्म या अस्पताल का सिस्टम सड़ा

नीलू चौबे

श्री बंशीधर नगर : श्री बंशीधर नगर अनुमंडल अस्पताल में एम्बुलेंस की जगह ठेले पर मरीज के ढोने के 24 घंटे के भीतर मानवता को शर्मसार करने वाला दूसरा मामला सामने आया है। इस बार एक मानसिक दिव्यांग महिला के जख्म की ड्रेसिंग अस्पताल में करने के बजाय उसे अस्पताल के बाहर रखे गये जेनरेटर के बगल में बैठा कर किया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है एवं सिस्टम की लापरवाही को दर्शाता है। सवाल उठता है कि मरीज का जख्म सड़ा है या अस्पताल का सिस्टम? 

जानकारी के मुताबिक नगर ऊंटारी रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाली आग से जलकर जख्मी एक मानसिक दिव्यांग महिला को रविवार की शाम में अनुमंडल अस्पताल लाया गया था। उसके बायें पैर में जख्म बुरी तरह से सड़ गया था। जख्म से दुर्गंध आ रही थी। अस्पताल में उस महिला का बेहद अमानवीय तरीके से अस्पताल के बाहर रखे गये जेनरेटर के बगल में गंदे जगह पर बिठाकर इलाज किया गया। 

उसका इलाज इस तरह से किया जा रहा था मानो उक्त महिला इंसान नहीं कोई हिंसक जानवर हो। कर्मियों के द्वारा दूर से ही सिरिंज से उसके जख्म को धोया जा रहा था। ड्यूटी पर तैनात डॉ कैसर आलम की मौजूदगी में एएनएम नीलम कुमारी एवं सफाई कर्मी मीना कुमारी ड्रेसिंग कर रही थीं।

जब यह संवाददाता अनुमंडल अस्पताल पहुंचा और उक्त मानसिक दिव्यांग महिला का इलाज अमानवीय तरीके से किये जाने पर सवाल उठाये, जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों की नींद उड़ गई। स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा आनन-फानन में यह कहते हुये कि यह महिला अस्पताल से बाहर आ गई थी इसलिये इसका इलाज बाहर में किया जा रहा है। इस संवाददाता के द्वारा सवाल उठाने पर उस महिला को बेड नसीब हुआ।

सवाल उठता है कि क्या अनुमंडल अस्पताल प्रबंधन की मानसिकता सड़ गयी या पूरा सिस्टम ही सड़ गया है, जिसने दया की पात्र एक मानसिक दिव्यांग महिला के सड़े जख्म पर मरहम लगाने में मानवीय संवेदना को तार तार कर दिया। सवाल कई और भी हैं, लेकिन इसका जवाब न सिस्टम के पास है न सिस्टम संचालकों के पास है। क्योंकि इसका फलसफा जांच, स्पष्टीकरण के खेल के बाद मामले की लीपापोती ही है।

उधर इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीओ रतन कुमार सिंह ने कहा कि यह गंभीर मामला है पूरे मामले की जांच कर दोषी कर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी तथा सिस्टम को हर हाल में सुधार करने का काम किया जायेगा।