श्री बंशीधर नगर में धर्म परिवर्तन का चल रहा जबर्दस्त खुला खेल

श्री बंशीधर नगर में धर्म परिवर्तन का चल रहा जबर्दस्त खुला खेल
जानकारी देते ग्रामीण

भोले भाले लोगों को अंधविश्वास की आड़ में प्रलोभन देकर तेजी से कराया जा रहा धर्म परिवर्तन 

नीलू चौबे

श्री बंशीधर नगर : गढ़वा जिले में कथित धर्म परिवर्तन का जबर्दस्त खुला खेल चल रहा है। यह गैर कानूनी खेल जिले के श्री बंशीधर नगर अनुमंडल मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर उत्तर में स्थित अलकर और उससे सटे तुलसीदामर गांव में चल रहा है।

उक्त दोनों गांवों में हिन्दू समुदाय के 20-25 भोले भाले परिवारों को अंधविश्वास की आड़ में प्रलोभन देकर ईसाई धर्म मे परिवर्तित कर दिया गया है। वहीं गांव के कई अन्य लोगों को भी धर्म परिवर्तन के लिए डोरे डाले जा रहे हैं। लोगों को तरह तरह के प्रलोभन व उससे भी नहीं मानने वालों दबाव डाला जा रहा है।

यह खेल लगभग साल भर से जारी है। इसकी भनक ना तो प्रशासन को है ना ही धर्म के ठेकेदारों को। धर्म परिवर्तन कराने में सक्रिय लोग गांव के अन्य लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए सुख शांति समृद्धि का भ्रम फैलाकर ईसाई धर्म अपनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

 जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपनाया है, वे अब पूरी तरह से कट्टर हो गए हैं। वे लोग बात बात पर उग्र हो जा रहे हैं और उकसावे वाली बात बोल रहे हैं। और तो और गांव में हिन्दू परिवार में मृत्यु होने पर ऐसे लोग बैंड बाजे के साथ जश्न मना रहे हैं। जश्न मनाने पर हिन्दू समुदाय के लोग भारी विरोध जता रहे हैं। जिससे गांव में टकराव होने व कभी भी बड़ा विवाद होने की संभावना बनी हुई है।

धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के इस कृत्य से आक्रोशित ग्रामीणों ने गोलबंद होकर प्रशासन से इस खेल पर अविलंब रोक लगाने के लिए कड़ा कदम उठाने की अपील की है।

कैसे हुआ खुलासा

अलकर गांव निवासी विक्रम सिंह के 10 वर्षीय पुत्र की गत 2 अप्रैल को बीमारी से मौत हो गयी थी। मौत के बाद पूरा गांव शोक में डूबा हुआ था। लोग मृतक के परिजन को सांत्वना दे रहे थे। उनके दुख में कदम से कदम मिलकर चल रहे थे। वहीं धर्म परिवर्तन करने वाले लोग बाजे गाजे के साथ जश्न मना रहे थे।

गांव में मातम होने पर ऐसा करने पर हिन्दू परिवारों ने कड़ा एतराज जताया तो धर्म बदलने वाले लोग उग्र हो गए। जिससे गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। लोगों ने बीच बचाव करने का भरसक प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद माहौल शांत हुआ। 

क्या कहते हैं ग्रामीण

अलकर गांव के ग्रामीण श्रवण सिंह, विजेंद्र कुमार, विन्देश्वरी सिंह, उमेश कुमार, भरोसा चंद्रवंशी, अनिरुद्ध सिंह, विजय सिंह, रॉकी उरांव, राजन, उमेश सिंह, सुशील सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में धर्म परिवर्तन का खुला खेल बड़ी तेजी से चल रहा है।

बाहर से आकर लोग प्रलोभन देकर हिंदूओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने का काम कर रहे हैं। हमलोगों को भी कई बार प्रलोभन दिया गया। लेकिन हमलोग अपने धर्म, संस्कृति सभ्यता की रक्षा करने का काम कर रहे हैं। हद तो तब हो गयी जब गांव में मातम था और ईसाई धर्म अपनाने वाले लोग बैंड बाजे के साथ जश्न मना रहे थे।

ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे लोग अपने गांव परिवार समाज की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के दुश्मन हैं और गांव का माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रशासन के द्वारा इस पर जल्द एक्शन नही लिया गया तो गांव की स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है।

कैसे होता है धर्म परिवर्तन का खेल

अलकर और तुलसीदामर गांव अनुमंडल का काफी पिछड़ा गांव है। अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। शिक्षा के अभाव के कारण अंधविश्वास भी चरम पर है। इसी का फायदा उठाते हुए लोगों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन का गैरकानूनी खेल खेल रहे हैं। 

बाकायदा इसके लिए डालटनगंज व गढ़वा से लोग आकर भोले भाले ग्रामीणों का ब्रेन वॉश करते हैं। जिससे भोले भाले लोग इनके जाल में फंसकर अपना धर्म त्याग कर ईसाई धर्म अपना लेते हैं।

धर्म परिवर्तन करने वाले रामवृक्ष घासी ने बताया कि हमलोग देवी दुर्गा को मानते थे। छठ जैसे महापर्व को महिलायें करती थी। लेकिन सुख शांति नही मिल पाती थी। जिसके बाद वे लोग ओझा गुनी के चक्कर मे पड़कर काफी मुर्गा खस्सी के नाम पर ओझा को पैसा देते गए लेकिन कोई फायदा नही हुआ और ना ही शांति मिली।

इसी दौरान बाहर से आये लोगों ने उन्हें सुख शांति के लिए ईसाई धर्म अपनाने की सलाह दी। वे लोग पूरे परिवार के साथ ईसाई धर्म अपनाने के बाद घर मे सुख शांति आने के साथ साथ परिवार भी तेजी से विकास करने लगा। घर में बच्चों की किलकारी गूंजने लगी।

मखड़ू भुइयां और उसकी पत्नी विमला देवी ने बताया कि उसके बेटे प्रेमन भुइयां ने भी ईसाई धर्म अपना लिया है। हमलोगों ने इसका भारी विरोध जताया लेकिन वह नही माना।

क्या कहते हैं एसडीओ

एसडीओ प्रभाकर मिर्धा ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि मुझे इसकी जानकारी नही है। अगर ऐसा हो रहा है तो वे स्वयं मामले की जांच करेंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।