भाजपा में इस बार विधायक भानू प्रताप को मिल रही कड़ी चुनौती
कन्हैया, रघुराज, प्रदीप और उमेंद्र टिकट की दौड़ में
नीलू चौबे
श्री बंशीधर नगर : झारखंड विधानसभा चुनाव के लिये शंखनाद होने वाला है। चुनावी अखाड़े में ताल ठोंकने वाले संभावित राजनेताओं ने क्षेत्र भ्रमण के साथ-साथ टिकट के लिये लॉबिंग तेज कर दी है। इस बार भाजपा के वर्तमान विधायक भानू प्रताप शाही को पार्टी के भीतर कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। पार्टी में अपना पूरा जीवन खपाने वाले साफ सुथरी छवि के कई नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार 2014 के पूर्व पार्टी में जान फूंकने वाले तेज तर्रार नेता कन्हैया चौबे ने पार्टी में घर वापसी के बाद से टिकट के लिये प्रयास तेज कर दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में श्री चौबे टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन अंतिम समय पार्टी में पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव की एंट्री के बाद वे बेटिकट हो गये थे। उसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के समक्ष उन्होंने पार्टी में पुनर्वापसी की।
पुनर्वापसी के बाद से कन्हैया चौबे पूरे फॉर्म में रहे हैं। वे जनमुद्दों को लेकर संघर्षरत रहे हैं। राज्य सरकार के साथ-साथ वे खुलेआम विधायक भानू प्रताप शाही को चुनौती देते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर वर्तमान विधायक श्री शाही को उनके खिलाफ लगे दवा घोटाला और आदिवासी खाते की भूमि पर अवैध कब्जे के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। फिलहाल उन्होंने टिकट पाने के लिये लॉबिंग तेज कर विधायक की राह में चुनौती पेश कर दी है।
पार्टी के दो-दो बार के जिलाध्यक्ष रहे साफ सुथरी छवि के नेता और कुशल संगठनकर्ता रघुराज पांडेय ने भी इस बार टिकट पाने के लिये एड़ी चोटी एक दी है। उन्होंने भी वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने विगत दिनों भवनाथपुर विस क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और पार्टी के निष्ठावान पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपेक्षा के मुद्दे को जोर शोर से उठाया है। उन्होंने भी टिकट के लिये पार्टी के भीतर अपनी अर्जी दाखिल की है। उन्होंने इसके लिये रांची से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग तेज दी है।
पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने वाले साफ सुथरी छवि के प्रदीप कुमार चौबे भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। क्षेत्र के जनमुद्दों को लेकर वे सदैव मुखर रहे हैं। आरएसएस के सभी छोटे और बड़े कार्यक्रमों में काफी सक्रिय रहने वाले प्रदीप कुमार चौबे को आरएसएस से मदद की आस है। उन्होंने भी टिकट पाने के लिये भागदौड़ तेज कर दिया है।
भाजपा में ओबीसी और खासकर यादव समुदाय से आने वाले बेहद जुझारू स्वभाव के साथ-साथ साफ सुथरी छवि के नेता उमेंद्र कुमार यादव भी टिकट की दौड़ में हैं। मृदुभाषी युवा नेता उमेंद्र यादव एक कुशल संगठक माने जाते हैं। श्री यादव के पास दीर्घकालिक अनुभव है। सभी वर्गों के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। जानकारी के मुताबिक इसके लिये उन्होंने लॉबिंग तेज कर दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो विधायक भानू प्रताप शाही के कार्य व्यवहार से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं में निराशा व्याप्त है। लिहाजा पार्टी में उन्हें वॉकओवर के बजाय कड़ी चुनौती के साथ-साथ भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है। जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।