भवनाथपुर में भाजपा का मतलब भानू जन पार्टी
बंशीधर न्यूज
श्री बंशीधर नगर : भवनाथपुर में भाजपा की हालत किसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी सी हो गई है। पार्टी के सारे कार्यक्रम प्राईवेट लिमिटेड कंपनी की तरह होते हैं। यह हाल विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का है। जिसमें निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज है। यह हाल खुद की पार्टी नवजवान संघर्ष मोर्चा नामक संगठन चलाने वाले विधायक भानू प्रताप शाही की भाजपा में एंट्री के बाद हुआ है।
भवनाथपुर विस क्षेत्र में वर्षों से नव दधीचि हड्डियां गलाने वाले भाजपा के कई बड़े नेता अब इस पर खुलकर बोलने भी लगे हैं। पार्टी के नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को इस विषय में अवगत कराया है। भवनाथपुर में भाजपा के एक बड़े नेता ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि नवजवान संघर्ष मोर्चा नामक संगठन विधायक भानू प्रताप शाही का संगठन है, जिसका उन्होंने भाजपा में विलय नहीं किया है। समय समय पर वे उक्त संगठन के बैनर तले कार्यक्रम कराते रहते हैं।
भाजपा में उसी संगठन से आये लोगों का पूरी तरह कब्जा हो गया है। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को किसी कार्यक्रम में कोई खास तवज्जो नहीं दी जाती है। विधायक श्री शाही जिसे चाहते हैं उसी को कार्यक्रम की सूचना होती है। पार्टी फोरम पर जिसने भी विधायक के खिलाफ कुछ कहा उसे खामोश कर दिया जाता है।
उक्त नेता ने उदाहरण के तौर पर बताया कि विगत 12 जुलाई को श्री बंशीधर नगर में आयोजित सम्मान समारोह में ओबीसी वर्ग से आने वाले जुझारू नेता भाजपा के जिला महामंत्री विकास स्वदेशी को उनके गृह प्रखंड में हाशिये पर धकेल कर रख दिया गया। उन्हें उनके गृह प्रखंड के कार्यक्रम में मंच संचालन से दूर रखकर यह संदेश दिया गया कि भवनाथपुर में भाजपा में सेल्फ ड्राईव लोगों का कोई स्थान नहीं है। उक्त कार्यक्रम समेत विभिन्न कार्यक्रमों में पार्टी को दुर्दिन में मजबूत करने वाले कन्हैया चौबे जैसे नेताओं को सूचित नहीं किया जाता है। उक्त भाजपा नेता ने बताया कि भवनाथपुर में विधायक की पार्टी में जारी मनमानी से साफ है कि यहां भाजपा का मतलब भारतीय जनता पार्टी नहीं बल्कि भानू जन पार्टी हो गया है।
भाजपा के एक दूसरे नेता ने कहा कि वक्त आने पर वे सभी चीजों का खुलासा करेंगे कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी विष्णु दयाल राम को टिकट मिलने के बाद एक सुनियोजित साजिश के तहत किस तरह मंडल अध्यक्षों से प्रत्याशी के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का विरोध कराया गया। जिसमें आधा दर्जन से अधिक मंडल अध्यक्ष भवनाथपुर के थे, जिन्हें नहीं चाहते हुये भी विरोध करने के लिये प्रेरित किया गया और उन्हें ऐसा करने के लिये मजबूर किया गया। जब आलाकमान के कानों तक यह बात पहुंची और उसकी भृकुटि तनी तो मान मनौव्वल का ड्रामा कर मामले का पटाक्षेप किया गया। प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष यह जांच का विषय है।
लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकांश बूथों के प्रभारियों द्वारा मतदाताओं तक ससमय मतदाता पर्ची नहीं पहुंची। जहां के मतदाताओं ने सजगता दिखाई वहां पर्चियां पहुंची। भाजपा नेता के साथ-साथ भवनाथपुर में भाजपा के विरोधी नेता भी इस बात को मानते हैं कि यहां पार्टी के पक्ष में वोट दिलाने का कोई लाख दावा कर ले वे सारे दावे झूठ हैं। नरेंद्र मोदी के नाम पर मतदाताओं ने एक कदम आगे बढ़कर भाजपा को वोट दिया है।