राम राज्य के आदर्शों से प्रेरित है हमारा लोकतंत्र : धनखड़

राम राज्य के आदर्शों से प्रेरित है हमारा लोकतंत्र : धनखड़

नई दिल्ली :  राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारा लोकतंत्र राम राज्य के आदर्शों से प्रेरित रहा है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हम अयोध्या में रामलला के प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बने। हमें साझे सहयोग से देश को आगे ले जाना है।

धनखड़ ने शनिवार को राज्यसभा के 263वें सत्र के समापन पर कहा कि यह 09 दिवसीय बजट सत्र बहुत उपयोगी रहा है। इस दौरान 90 तारांकित और 960 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर देने के साथ-साथ सार्वजनिक महत्व के 116 मुद्दों पर चर्चा की गई। सत्र के दौरान कुल उत्पादकता 137 प्रतिशत के प्रभावशाली आंकड़े पर रही। इस सत्र में सदन ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, जम्मू और कश्मीर स्थानीय सहित 7 विधेयक भी पारित किए हैं। सदन में इस सत्र में 22 निजी सदस्यों ने विधेयक पेश किए।

धनखड़ ने कहा कि इस सदन से 68 सदस्यों की विदाई हुई है। इनमें से 03 सदस्य जनवरी माह में सेवानिवृत्त हो गए और शेष 65 इस वर्ष फरवरी से जुलाई के बीच सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सभी सदस्यों ने राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया है। वह सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं।