भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल को लिखा पत्र

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल को लिखा पत्र

बंशीधर न्यूज

रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि है निश्चित रूप से आपका नाम देश के मशहूर कानून के जानकारों के साथ राजनीति के क्षेत्र में भी शुमार है लेकिन असहमति है तो आपके उस काम से, जिसमें वकालत पेशे में भी आपको मनोनुकूल फैसला नहीं मिलने पर राजनीति और पक्ष-विपक्ष दिखायी देने लगता है। मरांडी ने लिखा है कि आपके एक यूट्यूब इंटरव्यू के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ कि आप आदिवासी हितैषी बनने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। यदि ऐसा है तो रुबिका पहाड़िन (जिसके पति-दिलदार अंसारी ने उनकी निर्मम हत्या की तथा बॉडी को 18 टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगह फेंक दिया था), उमेश कच्छप (जिसने वरीय भ्रष्टाचारी अफसरों के दबाव में आत्महत्या की) और दारोगा संध्या टोप्पो (जिनको अवैध गो-तस्करों ने ड्यूटी के दौरान तस्करी कर ले जा रहे गो-वंश के ट्रक से कुचलकर मार डाला) के सभी बिना किसी फीस के लड़ेंगे? मरांडी ने लिखा है कि यदि आप इनके जैसे बेसहारा सौ दलित-आदिवासियों के साथ भी खड़े हो जायें, बिना पैसा लिये चार्टेड जहाज से आकर मुफ्त में उनके लिए लड़कर न्याय दिला दें तो राज्य में आप बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के समानांतर पहचान पायेंगे और लोग कालांतर में आपकी प्रतिमा लगाकर पूजा करेंगे।

मरांडी ने लिखा है कि इंटरव्यू के दौरान अपने क्लाइंट की तारीफ करने में आप ऐसे खो गए आप कि ये भी याद न रहा कि भाजपा ने झारखंड राज्य के निर्माण के साथ राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के तौर पर मुझे मौका दिया और उसके बाद शिबू सोरेन और अर्जुन मुंडा भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। ये जो तथ्यहीन बातें आप हेमंत सोरेन की उपस्थिति में कर रहे थे और उसमें हेमंत सोरेन बिना अपने पिता को याद किए मूकदर्शक बने सुन रहे थे, कोर्ट और जनता के सामने, इस तरह की बातें आप नहीं कर पाएंगे।