ग्रीस के प्रधानमंत्री ने की भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत

ग्रीस के प्रधानमंत्री ने की भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत

बंशीधर न्यूज डेस्क

 नई दिल्ली : ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने बुधवार को भारतीय लोकतंत्र की प्रशंसा की और देश को वैश्विक शांति व सुरक्षा में महत्वपूर्ण भागीदार बताया। इसके साथ ही उन्होंने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की वकालत भी की। ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने दिल्ली में आयोजित रायसीना डॉयलॉग में भारत को विश्व की एक महान शक्ति बताया और कहा कि देश शांति और सुरक्षा की खोज में एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। भारत जैसे अग्रणी देशों को सर्वोच्च मंच पर प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए ग्रीस संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करता है। भारत वैश्विक दक्षिण का अग्रणी लोकतंत्र है। जब वैश्विक भविष्य को आकार देने की बात आती है तो दुनिया भारत की ओर देखती है। इसे ‘सर्वसम्मति निर्माता’ के रूप में उचित रूप से माना जाता है। नौवें रायसीना डायलॉग में ग्रीस के प्रधानमंत्री ने अपने देश को यूरोप का प्राकृतिक द्वार बताया। उन्होंने कहा कि डेटा और ऊर्जा के लिए नए गलियारों पर काम हो रहा है। आईएमईसी-भारत मध्य पूर्व यूरोप कॉरिडोर जैसी अभूतपूर्व परियोजनाओं का उद्भव भारत, मध्य पूर्व और यूरोप की विकास अर्थव्यवस्थाओं के बीच सुपरचार्ज कनेक्टिविटी का बड़ा वादा करता है। उन्होंने कहा कि ग्रीस भारत और यूरोप को जोड़ने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। इससे वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण को कनेक्टिविटी मिलेगी। प्राचीन काल से उनके देश से होकर जाते गलियारे से वस्तुओं, ज्ञान और बुद्धिमत्ता के आदान-प्रदान होता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और ग्रीस के बीच संबंध सम्मान, मित्रता, मूल्यों और हमारे लोगों को प्रगति और समृद्धि देखने की आपसी इच्छा पर आधारित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कई देशों के विदेश मंत्रियों ने आज रायसीना डॉयलॉग में भाग लिया। ग्रीस के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने साबित किया है कि लोकतंत्र आर्थिक विकास ला सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ा स्तर लोकतंत्र के लिए बाधा है, इस गलत धारणा को भारत चुनौती देता है। 1.4 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया के लिए उदाहरण है। उन्होंने वर्ष 2024 को भू-राजनीतिक दृष्टि से महत्व का बताया और कहा कि दुनिया की आधी आबादी इस साल मतदान के जरिए अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।

ग्रीस के प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के प्रति सतर्कता का आह्वान किया और इस संदर्भ में कृत्तिम बुद्धिमत्ता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत एआई के लिए फ्रेमवर्क बनाने वाला अग्रणी देश बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और ग्रीस लोकतंत्र को एक बाधा के रूप में नहीं बल्कि शासन के बेहतर वितरण के लिए एक समर्थकारी के रूप में देखते हैं।