विशुनपुरा : जतपुरा में बांकी नदी में धड़ल्ले से हो रहा बालू का अवैध खनन, विरोध में ग्रामीण

विशुनपुरा : जतपुरा में बांकी नदी में धड़ल्ले से हो रहा बालू का अवैध खनन, विरोध में ग्रामीण

ग्रामीणों ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिये डीएमओ को दिया आवेदन

2017 में बालू खनन को लेकर हो चुका है खूनी संघर्ष

मामले को हल्के में लेने पर घटना की पुनरावृत्ति का अंदेशा

बंशीधर न्यूज

श्री बंशीधर नगर : विशुनपुरा प्रखंड अंतर्गत जतपुरा जोगीराल खुर्द अंतर्गत बांकी नदी से अवैध बालू का खनन और ढुलाई धड़ल्ले से जारी है। बांकी नदी से लगभग 20 ट्रैक्टरों से रात भर 100 ट्रिप बालू का अवैध खनन और ढुलाई किया जा रहा है। अवैध खनन के विरोध में ग्रामीण एकजुट हो गए हैं। जतपुरा व अन्य गांव के ग्रामीणों ने इस आशय से संबंधित लिखित शिकायत जिले के डीएमओ से की है। ग्रामीणों ने तत्संबंधी आवेदन की प्रतिलिपि विशुनपुरा अंचल के सीओ और थाना प्रभारी को भेजी है।

ग्रामीणों ने अपने आवेदन में लिखा है कि ग्राम जतपुरा जोगीराल खुर्द अंतर्गत बांकी नदी से बीस ट्रैक्टरों से मध्य रात्रि से सुबह तक लगभग एक सौ ट्रैक्टर बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे बांकी नदी का अस्तित्व खतरे में है। आसपास के कुओं व चापाकल में पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे जन जीवन खतरे में है।

बालू माफियाओं ने बालू खनन के लिए नदी में कुरुर का प्रयोग कर गहरा कर दिया है जिससे पतिहारी की तरह नदी की गहराई में बच्चों के डूबने का अंदेशा बढ़ गया है। नदी के किनारे की रैयती जमीन के कटाव की भी संभावना बढ़ गई है।

ग्रामीणों ने लिखा है कि 2017 में उनलोगों की शिकायत को अनसुना किये जाने के कारण बालू उठाव को लेकर जतपुरा बालू घाट पर ग्रामीणों के विरोध के बाद ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच उपजे खूनी संघर्ष में तीन ग्रामीणों और ठेकेदार के एक मुंशी समेत चार लोगों की जानें जा चुकी है। ग्रामीणों ने पूर्व की घटना का हवाला देते हुए डीएमओ से अविलंब अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भी जतपुरा के ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन देकर नदी से बालू खनन का विरोध किया था। प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच गतिरोध बढ़ता गया जिसके परिणामस्वरूप घाट पर खूनी संघर्ष में चार जानें चली गई। यदि इस बार भी प्रशासन ने ग्रामीणों की शिकायत को हल्के में लिया तो घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।

इस संबंध में हमारे संवाददाताओं ने पक्ष जानने के लिए जिले के डीएमओ और विशुनपुरा के सीओ से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों में से किसी ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया।

जतपुरा बालूघाट पर खूनी संघर्ष एक नजर में

विशुनपुरा थाने के पिपरी-जतपुरा में बांकी नदी के बालूघाट पर स्थित श्मशान घाट से ग्रामीण बालू उठाव का विरोध कर रहे थे। जबकि ठेकेदार अपने लीज का हवाला देकर बालू का उठाव कर रहे थे। 19 मई 2017 को जतपुरा के ग्रामीण और बालू घाट के ठेकेदार आमने सामने आ गये और खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें तीन ग्रामीणों समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी।

उक्त घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों पिता उदय यादव (55 वर्ष) और उसके दो पुत्र निरंजन यादव (35 वर्ष) तथा विमलेश यादव (30 वर्ष) को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि विमलेश का चचेरा भाई अरूण यादव इस गोली लगने से घायल हुआ था।

उधर आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ ने ठेकेदार धर्मवीर सिंह के मैनेजर बिहार के औरंगाबाद जिला के नबीनगर निवासी सत्येंद्र सिंह (40 वर्ष) की लाठी-डंडे से पीटकर एवं पत्थर से कुचल कर हत्या कर दी गयी थी। साथ ही बालू घाट पर खड़े 15 ट्रक, दो पोकलेन मशीन, एक बाइक तथा एक बोलेरो को आग के हवाले कर दिया था।