विधायक ने शल्य चिकित्सा के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़े जाने का मामला सदन में उठाया

विधायक ने शल्य चिकित्सा के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़े जाने का मामला सदन में उठाया

बंशीधर न्यूज

खूंटी: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन शुक्रवार को खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने तारांकित प्रश्न के तहत खूंटी के मातृ शिशु अस्पताल में चिनमई गुप्ता के प्रसव के दौरान चिकित्सक द्वारा महिला के पेट में कपड़ा छोड़े जाने का मामला उठाया।

विधायक ने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि खूंटी सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल में खूंटी की प्रसूता चिनमई गुप्ता का गत 29 नवंबर को शल्य चिकित्सा से कराए गए प्रसव के दौरान प्रसूता के पेट में 20 गुना 30 सेंटीमीटर का कपड़ा छोड़ दिया गया था? यदि यह बात सही है तो फिर सरकार लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक को दंडित कर पीड़िता को चिकित्सा में हुए अतिरिक्त व्यय और परेशानी के लिए मुआवजा देने का विचार रखती है अथवा नहीं।

विधायक के इस सवाल पर सरकार से मिले लिखित जवाब में बताया गया कि चिनमई गुप्ता का ऑपरेशन करने वाली सदर अस्पताल की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रेखा कुमारी के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर 21 फरवरी को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण पूछा गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद नियमानुसार अग्रतर कार्रवाई की जाएगी। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा जब सदन एवं सरकार चिकित्सा में बरती गई अनियमितता को स्वीकार कर रही है, तो तुरंत पीड़िता चिनमई गुप्ता के स्वजनों को राहत प्रदान करते हुए मुआवजा देना चाहिए और लापरवाह चिकित्सक को अविलंब बर्खास्त करना चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में इस तरह की लापरवाही अन्य किसी के साथ ना बरती जाए।

डाॅ रेखा कुमार की इस लापरवाही से प्रसूता की हालत गंभीर होने लगी थी। यह तो गनीमत रही कि उसके स्वजन उसे इलाज के लिए जमशेदपुर ले गए, जहां जांचोंपरांत यह खुलासा हुआ कि महिला के पेट में कपड़ा है। इसके बाद 30 दिसंबर को जमशेदपुर में महिला का एक बार फिर बड़ा ऑपरेशन कर चिकित्सकों ने उसके पेट से 20 गुना 30 सेंटीमीटर का कपड़ा निकालकर उसकी जान बचाई थी।