माता पिता सदैव अपने पुत्रों का कल्याण चाहते हैं: देवी धर्ममूर्ति

माता पिता सदैव अपने पुत्रों का कल्याण चाहते हैं: देवी धर्ममूर्ति

बंशीधर न्यूज

कांडी: प्रखंड के राणाडीह में आयोजित श्री रामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ महोत्सव के चौंतीसवें अधिवेशन के तीसरे दिन अयोध्या धाम से पधारी देवी धर्ममूर्ति ने नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो, चरण हो राघव की, जहां मेरा ठिकाना हो, भजन से राम कथा की शुरुआत की।

देवी धर्ममूर्ति ने कहा कि हमारे माता पिता कभी भी हमारी हानि नहीं चाहते हैं। राम नाम जपने पर किसी भी प्रकार की जीवन में हानि नहीं होती है।जिसके कानों ने राम की नाम नहीं सुना उसका कान व्यर्थ हैं, जिसने कभी राम का नाम न जपा उनका जिह्वा व्यर्थ है।

उन्होंने कहा की जब जब धरती पर पाप बढ़ा तब तब प्रभु ने अवतार लिया। यज्ञ के तीसरे दिन वाराणसी से पधारे आचार्य अवधेश मिश्रा द्वारा यज्ञ मंडप में अग्नि प्रज्वलित किया गया, जिसके बाद आवाहित देवी व देवताओं की हवन की भी शुरुआत हुई। यज्ञ 24 फरवरी तक चलेगा।

यज्ञ को सफल बनाने में मार्गदर्शक ब्रजमोहन मिश्रा, श्याम बिहारी दुबे, श्याम सुन्दर शर्मा, शिवदेव चौबे, यज्ञ कमीटी के अध्यक्ष सत्येन्द्र चौबे, सचिव विजय पाण्डेय, उपाध्याय प्रदीप दुबे, कोषाध्यक्ष संजय चौबे, चंद्रमणी चौबे, सत्यनारायण पाण्डेय, उपेन्द्र चौबे, सतीश चौबे, सिद्धेश्वर चौबे, अरविंद शर्मा सहित सभी ग्रामवासी लगे हुए हैं।