सरहुल प्रकृति की उदारता का उत्सव है : कल्पना सोरेन

सरहुल प्रकृति की उदारता का उत्सव है : कल्पना सोरेन

बंशीधर न्यूज

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गुरुवार को प्रदेशवासियों को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि सरहुल प्रकृति की उदारता का उत्सव है। कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ''जैसे ही सखुआ के पेड़ों पर फूल खिलने लगते हैं, हमें एक बार फिर प्रकृति के अमूल्य उपहारों का आभार व्यक्त करने का पवित्र अवसर मिलता है।

पीढ़ियों से, सरहुल हमारे लिए, जल, जंगल, जमीन की रक्षा करने वाले हमारे पूर्वजों को याद करने का पावन पर्व भी रहा है। इस दिन हम पूजा करने के साथ-साथ सुंदर फूलों से आच्छादित सखुआ के पेड़ के नीचे एकत्रित होकर भोज करते हैं, हर्षोल्लास से नाचते-झूमते हैं और सभी की खुशहाली की कामना करते हैं। उन्होंने आगे लिखा, ''जलवायु परिवर्तन के इस दौर में हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

सखुआ का पेड़ केवल एक प्राचीन प्रतीक ही नहीं है। इसके पत्ते, फूल और लकड़ी हमारे खाद्य, औषधीय और जीवन-उपयोगी सामग्री के अमूल्य स्रोत भी हैं। सरहुल का पर्व मनाकर, हम प्रकृति की रक्षा के प्रति एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी को दोहराते हैं। मैं पूरे देश को सरहुल के पावन पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती हूं। आइए, हम कृतज्ञता, एकजुटता और समृद्ध पारंपरिक संस्कृति के साथ प्रकृति का यह पावन पर्व मनाएं।