सभी अवतारों में श्रेष्ठ श्रीकृष्ण अवतार : जीयर स्वामी

सभी अवतारों में श्रेष्ठ श्रीकृष्ण अवतार : जीयर स्वामी

बंशीधर न्यूज

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के सिंगरा अमानत नदी तट स्थित चातुर्मास व्रत कथा में श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि भगवान का सभी अवतारों में श्रीकृष्ण अवतार को श्रेष्ठ अवतार माना जाता है। भगवान इसी अवतार में धर्म की रक्षा किये हैं और दुष्टों का संहार किये हैं। श्रीकृष्ण नाम भजने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।कालिया नाग ने श्रीकृष्ण से पूछा की भगवान आप मुझे क्यों मार रहे। श्रृष्टि का निर्माण आपने किया, मेरा जीवन मेरे शरीर में विष आपने भर दिया तो पाप मैं कैसे कर दिया।

आपके विष भर देने से हमे डंडा से मार खाना पड़ता है। जबकि मेरा कोई दोष नहीं। भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि तुम्हारा रहने का स्थान गलत है। यह जल जनहित के लिये है जिसे विषैला बना दिये हो और भगवान ने कालिया नाग को जीवन से मुक्त कर दिया। जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि विष्णु पुराण में पितरों के श्राद्ध और तर्पण का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में गया जाकर पिंडदान करने से सात पीढ़ियों का उद्धार होता है।

पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। गया मोक्ष स्थली भी कहलाता है। गया में पिंडदान करने के बाद व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है यानी कुछ भी शेष नहीं रह जाता है। इसकी महत्व का पता इस कथा से भी चलता है कि फल्गु नदी के तट पर ही भगवान राम राजा दशरथ की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिये गया में ही श्राद्ध कर्म और पिंडदान किये थे।

इसमें कहा गया है कि पितरों को अर्पित जल और अन्न से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितृपक्ष में हिन्दू लोग अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिये पिण्डदान करते हैं।