चौकीदारों की बहाली में अजा आरक्षण शून्य करने का भारी विरोध, कई संगठनों ने की आन्दोलन की तैयारी, प्रशासन का बढेगा सिर दर्द

बंशीधर न्यूज
पलामू: हाई कोर्ट के निर्देश पर पलामू जिले में 155 चौकीदारों की बहाली होनी है। इसके लिए विज्ञापन निकाला गया है। 20 जुलाई तक आवेदन जमा करने की तिथि। बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण को शून्य कर दिया गया है। ऐसे में अनुसूचित जाति से आने वाले जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न संगठनों ने भारी उबाल है। पिछले तीन चार दिनों के दौरान जिले के उपायुक्त को कई संगठनों ने लिखित और मौखिक तौर पर विरोध दर्ज करते हुए ज्ञापन सौंपा है।
इस बीच आन्दोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। बतातें चलें कि कुल 155 रिक्त पदों पर अनुसूचित जनजाति के लिए 30, आनाक्षित 78, आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक 13, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 10 एवं पिछड़ा वर्ग से 24 चौकीदारों की बहाली होगी।
अजा आरक्षण विरोधी है महागठबंधन की सरकार : घूरन राम
चौकीदारों की बहाली में अनुसूचित जाति को मौका नहीं मिलने पर पलामू के पूर्व सांसद बीजेपी नेता घूरन राम ने कड़ा विरोध जताया है। बुधवार को सर्किट हाउस में इस सिलिसिले में पूर्व सांसद ने पत्रकारों को संबोधित किया। मौके पर सुजीत पासवन और कुमार गौरव मौजूद थे। घूरन राम ने कहा कि चौकीदार बहाली को लेकर निकाले गए विज्ञान में रोस्टर तैयार करने को लेकर भारी त्रुटि की गयी है।
अनुसूचित जाति को बहाली से बाहर कर दिया गया है। यह अजा के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह पहला मौका नहीं है, जब झारखंड की महागठबंधन सरकार ने अजा को छलने का काम किया है। हमेशा यह सरकार अनुसूचित जाति को भूल जाती है। आखिर अजा को लेकर ही भूल क्यों होती है? रोस्टर में सुधार लाकर अजा को आरक्षण देना होगा। नहीं तो बड़े स्तर पर आन्दोलन किया जायेगा। उपायुक्त से भी मिलकर बात रखी जायेगी।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या के अनुसार सभी जाति को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। हम इसके पक्षधर हैं, लेकिन अनुसूचित जाति को बहाली से बाहर कर देने पर बरर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार केवल बहाली के मामले में ही नहीं कैबिनेट विस्तार में भी अनुसूचित जाति के साथ भेदभाव करती है।
पिछली कैबिनेट विस्तार के समय बैजनाथ राम को मंत्री पद देते देते मायूस कर दिया था। यह अजा के साथ भेदभाव का सबसे बड़ा उदाहरण है। झारखंड सरकार की कथनी और करनी में काफी अंतर रहता है। आरक्षण की दुहाई दी जाती है, लेकिन समय आने पर दरकिनार कर दिया जाता है।