पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर वीडी राम मिले केंद्रीय मंत्री से

बंशीधर न्यूज
पलामू: पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर वीडी राम मिले केंद्रीय मंत्री से पलामू के सांसद वीडी राम ने बुधवार को पलामू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। इस क्रम में उन्होंने गढ़वा के श्री बंशीधर नगर मंदिर और पलामू के चैनपुर बभंडी में राधाकृष्ण मंदिर की महत्ता को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रसाद योजना के तहत श्री कृष्ण सर्किट से जोड़ने का अनुरोध किया।
सांसद ने पलामू प्रमंडल के बेतला (पलामू व्याघ्र क्षेत्र) के अंतर्गत पड़ने वाले पलामू किला, कमलदह झील, केचकी, इको स्ट्रीट और मलय डैम के पर्यटन विकास और पलामू किला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की भी मांग की। वीडी राम ने बताया कि गढ़वा जिला झारखंड राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित है और बिहार का रोहतास, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र और छतीसगढ़ का सरगुजा जिलों की सीमाएं इससे लगती हैं। इसलिए इसे कभी गेटवे ऑफ छोटानागपुर कहा जाता था।
झारखंड की राजधानी रांची से गढ़वा जिले की दूरी 205 किलोमीटर है। गढ़वा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर नगर उंटारी अनुमंडल स्थित है, जहां नगर उंटारी गढ़ के मुख्य द्वार के पास पर शताब्दियों प्राचीन श्री बंशीधर मंदिर स्थित है। इस मंदिर में राधा और कृष्ण की साढ़े चार फीट उंची और 32 मन (1280 किलो) वजनी स्वर्ण निर्मित एक अत्यंत मोहक प्रतिमा विराजमान है। यह अद्भुत प्रतिमा भूमि में गड़े शेषनाग के फन पर निर्मित चौबीस पंखुड़ियों वाले विशाल कमल पर विराजमान हैं।
उन्होंंने कहा कि श्री वंशीधर मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। उनकी पहल पर यहां वर्ष 2017 से श्री वंशीधर महोत्सव मनाया जा रहा है। झारखंड सरकार की ओर से राजकीय महोत्सव घोषित किया गया है। उक्त स्थान का नाम जो पहले नगर उंटारी था, उसे बदल कर श्री बंशीधर नगर किया जा चुका है। अभी हाल में नगर उंटारी स्टेशन पर रेल मंत्री ने उनके अनुरोध पर रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का ठहराव की स्वीकृति दी है।
उन्होंने पलामू के चैनपुर के बभंडी में राधा कृष्ण मंदिर भी ऐतिहासिक है। इसकी स्थापना वर्ष 1930 में हुई थी। उन्होंने बभंडी में राधा कृष्ण महोत्सव का आयोजन कराने की मांग की। उन्होंने इस मंदिर को श्री बंशीधर नगर मंदिर से जोड़कर एक व्यापक राधा कृष्ण धार्मिक पर्यटन सर्किट का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिससे आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
सांसद ने पलामू के ऐतिहासिक पलामू किला के बारे में कहा कि बेतला व्याघ्र योजना देश के प्रथम व्याघ्र परियोजनाओं में से एक है। राजा मेदिनीराय की धरोहर, पलामू किला तथा पलामू व्याघ्र क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए पुराने और नए पलामू किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करते हुए पुरातत्व विभाग, भारत सरकार के द्वारा किला का रख-रखाव, जीर्णाेधार एवं सौदर्यीकरण तथा पुरातत्व विभाग, भारत सरकार की सूची में शामिल कराने तथा मलय डैम, कमलदह झील, केचकी इको रिट्रीट को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की। मामले में मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया। इस संबंध में झारखंड सरकार से प्रस्ताव भेजने को कहा, ताकि इन मामलों पर आगे की कार्रवाई की जा सके।