अच्छे कर्म मोक्ष और गलत कर्म बंधन है : जीयर स्वामी जी

अच्छे कर्म मोक्ष और गलत कर्म बंधन है : जीयर स्वामी जी

बंशीधर न्यूज

मेदिनीनगर : निगम क्षेत्र के सिंगरा में अमानत नदी तट पर चातुर्मास व्रत कथा में श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि बंधन और मोक्ष का एक मात्र कारण यही है कि हम अपने मन की चंचलता को दूर कर, मन को संयम और संस्कृति, संस्कार मय करते हैं तो हम इस संसार में जीते जी मुक्त हैं और मरने के बाद भी मुक्त हैं।

दुनिया में अच्छे कर्मों को हमने स्वीकार कर लिया है, अपना लिया है, धारण कर लिया है, जीवन के दिनचर्या में उतार लिया, यही मोक्ष है। उन्होंने कहा कि गलत कर्मों को हमने अपने जीवन में उतार लिया तो यही बंधन है, यही नरक है। स्वामी जी ने कहा कि संगत से गुण होत हैं, संगत से गुण जात। इसीलिये कहा गया है कि हमारा संगत, हमारा उठन-बैठन शुद्ध होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित ने प्रश्न किया कि सात दिन में मरने वाले की मुक्ति का उपाय क्या है। श्री शुकदेव जी महाराज ने कहा कि सात दिन कोई कम नहीं होता है। दुनिया में सात दिनों से अधिक कोई जीता भी नहीं है। रवि, सोम, मंगल, बुध, शुक्र और शनि इससे अधिक दिन कोई जीता ही नहीं है। आठवां दिन तो होता ही नहीं।

राजा परीक्षित ने श्री शुकदेव से पूछा कि जो साधक व्यक्ति मरने की तैयारी नहीं किया हो और मरना निश्चित हो तो उसे क्या करना चाहिये। उस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया।