झामुमो युवा नेता मयंक ने मध्यरात्रि सड़क पर सिसकते भटकते नाबालिगों को परिजनों से मिलाया

झामुमो युवा नेता मयंक ने मध्यरात्रि सड़क पर सिसकते भटकते नाबालिगों को परिजनों से मिलाया

होस्टल में प्रताड़ना से उबकर शहर की सड़कों पर भटक रहे थे नाबालिग

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : सावधान! यदि आप अपने कलेजे के टुकड़े को घर के वातावरण से दूर किसी होस्टल रखकर पढ़ाना चाह रहे हैं तो सोच विचार निर्णय लीजिए। गढ़वा जिला मुख्यालय में चल रहे सनराइज नामक एक हॉस्टल में बच्चों के साथ घटित घटना अभिभावकों को सोचने के लिए विवश कर रहा है।

घर से दूर अच्छे शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई कराने का दावा करने वाले होस्टल के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। गढ़वा का सनराइज होस्टल इसका प्रमाण है। अच्छे वातावरण और रहन सहन के साथ पढ़ाई के नाम पर मोटी रकम लेकर कच्चे उम्र के बच्चों के साथ प्रताड़ना की अंतिम सीमाओं को लांघने वाला सनराईज होस्टल सुखबाना मुहल्ले में स्थित है।

जानकारी के मुताबिक 17 मई रात्रि में हॉस्टल संचालक और हॉस्टल में प्रतिनियुक शिक्षकों ने प्रतिदिन की तरह 6 से 10 वर्ष के कोमल कोमल बच्चों को जानवरों की तरह पीटना शुरू कर दिया। अंतहीन पीड़ा से ग्रसित बच्चे अपनी जान बचाने के ख्याल से हॉस्टल की घेराबंदी को फांदकर बाहर निकल गए।

शहर में भटकते हुए बच्चे रात्रि करीब एक बजे गढ़वा शहर के रंका मोड़ पहुंच गए। वे वहीं बिजली के उजाले में सुबह होने और अपने को सुरक्षित होने की प्रार्थना ईश्वर से करने लगे। विपत्ति की इस घोर बेला में झामुमो के युवा नेता मयंक द्विवेदी उन बच्चों के लिए सहारा बनकर वहां पहुंच गए। नाबालिग बच्चों की पीड़ाजनक आपबीती ने मयंक को हिला दिया।

मयंक ने उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुंचाने का ढाढस बंधाया। उन्होंने अविलंब पुलिस और बच्चों के अभिभावकों को इसकी सूचना दी। मयंक ने अनाचार की सीमा लांघने वाले सनराइज हॉस्टल के संचालक को भी कड़ी फटकार लगाई और भविष्य में इस तरह की हरकत करने पर गंभीर परिणाम दिलाने की चेतावनी दी।

मयंक ने आंसुओं से सराबोर सभी बच्चों को पुलिस प्रशासन को सुपुर्द कर दिया। उन्होंने इस घिनौने कृत्य के लिए हॉस्टल संचालक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ निर्मम व्यवहार भारत के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है। ऐसे लोगों को सजा जरूरी है।