प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनी ग्रामीणों के परेशानी का सबब

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनी ग्रामीणों के परेशानी का सबब

दो साल में बिखर गई सड़क, गड्ढों में बदल गया विकास

जितेंद्र यादव

डंडई: प्रखंड के रारो गांव के भोलादामर टोला से चिनुखैरा गांव तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत वर्ष 2020-21 में सड़क का निर्माण कराया गया था। लेकिन सड़क निर्माण के करीब दो वर्ष में ही सड़क में कई जगहों पर जानलेवा गड्ढे के व काफी जर्जर बन चुका है। जिससे सड़क पर चलने वाले राहगीरों को इन दिनों भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रखंड में पहली बार सड़क को सीमेंट, छरी व केमिकल से निर्माण कराया गया था। सड़क के निर्माण के कुछ महीनों में खराब होना शुरू हो गया था।आज सड़क के बिल्कुल जर्जर हो जाने से वाहनों के आवागमन के दौरान काफी धूल उड़ता है। जिससे सड़क के अगल बगल रहने वाले ग्रामीणों को घरों में रहना मुश्किल हो गया है।

स्थानीय ग्रामीण सूर्यनाथ सिंह, उमेश सिंह, अशोक राम,राजकुमार सिंह, निरंजन सिंह, दिलीप सिंह,तहसीलदार सिंह,विजय सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने को लेकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। जिससे ग्रामीण काफी खुश थे कि अब हमलोग के गावों में भी कालीकरण सड़क का निर्माण होगा और सड़क की समस्या से निजात मिलेगी।

लेकिन सड़क निर्माण के महज 6 माह बाद से सड़क में कई जगहों पर जर्जर व गड्ढा बनना शुरू हो गया था। आज सड़क की स्थिति यह है कि सड़क निर्माण में लगे छरी सड़क के किनारे जमा हो गया और सड़क जर्जर व खड्डे में तब्दील हो गया है। सड़क का निर्माण केमिकल, सीमेंट व छरी से कराया गया था। उस समय इस तरह का सड़क निर्माण होते हम लोग पहली बार देखा था।

आज सीमेंट व छरी से बनी सड़क काफी जर्जर व गड्ढे में तब्दील हो गया है। जिससे सड़क पर चलने वाले लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने की हमेशा भय बनी रहती है। वही बताया कि हमलोग गांव में पहली बार केमिकल, सीमेंट व छरी से सड़क का निर्माण होते देख  काफी हैरान थे। इस संबंध में संवेदक से बात किया था तो उस समय उन्होंने बताया कि इस सड़क को इसी तरह से निर्माण कराया जाना है और सड़क को पांच वर्षों तक देख रेख किया जाना है।

लेकिन सड़क मरम्मत के नाम पर आज तक एक टोकरी मिट्टी तक नहीं पड़ा।जिससे सड़क में कई जगहों पर जानलेवा गड्ढा व जर्जर बनते चला गया।