विद्यालय विकास मद की राशि का घपला, फर्जी वाउचर लगाकर पैसे को ठिकाने लगाया

विद्यालय विकास मद की राशि का घपला, फर्जी वाउचर लगाकर पैसे को ठिकाने लगाया

मामला उत्क्रमित हाईस्कूल गरबांध का 

बिजली न पानी, स्कूल की यही कहानी

नीलू चौबे

श्री बंशीधर नगर : सरकार विद्यालय के विकास एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च कर रही है। किंतु विद्यालय प्रधान की मनमानी के कारण सरकार के मंसूबे पर पानी फिर जा रहा है। विद्यालय के विकास के बजाय विद्यालय के प्रधान सरकारी राशि का घपला कर अपना विकास करने में जुटे हुये हैं।

ऐसा ही मामला गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित हाईस्कूल गरबांध से सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय विकास एवं खेल सामग्री के लिये मिले एक लाख रुपये का घपला किये जाने का मामला उजागर हुआ है।

दिलचस्प बात यह है कि विभाग की ओर से प्राप्त राशि का फर्जी तरीके से उपयोगिता प्रमाण पत्र भी बीआरसी केंद्र में जमा कर दिया गया है। जबकि विद्यालय में न तो बिजली है और न ही पानी है। विद्यालय का रूप सज्जा भी नहीं हुआ है। साइंस लैब भी अव्यवस्थित है। बच्चे अपने घर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं।

उक्त विद्यालय में अध्ययनरत बच्चे भारी अव्यवस्था के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं। यहां बताते चले की शिक्षा विभाग की ओर से उत्क्रमित हाईस्कूल गरबांध को विद्यालय विकास के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये दिसंबर माह में 75 हजार एवं खेल के विकास के लिये 25 हजार कुल 1 लाख रुपये प्राप्त हुआ था।

 राशि मिलने के बाद विद्यालय प्रधान के द्वारा विद्यालय में कोई भी विकास का कार्य नहीं किया गया और न ही तो विद्यालय में कोई बेहतर कार्य किया गया। जिससे कि विद्यालय का नाम रौशन हो सके। उल्टे फर्जी तरीके से वाउचर बनाकर पूरी राशि को ठिकाने लगा दिया गया। यही हाल खेल मद में प्राप्त राशि का भी है।

विद्यालय में बच्चों के खेलने के लिये कोई भी नये खेल सामग्री का क्रय नहीं किया गया, बच्चे आज भी स्कूल में पुराने टूटे फूटे खेल सामग्री से खेलते हैं। विद्यालय में क्या करना था विकास शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय में विद्यालय विकास के लिये प्राप्त राशि से विद्यालय का विकास यथा शिक्षा सामग्री, विद्यालय का रंग रोगन, विद्यालय में बिजली, पानी एवं शौचालय की सुदृढ़ व्यवस्था आदि को व्यवस्थित तरीके से करना था।

जिससे कि शिक्षा का मंदिर कहा जाने वाले विद्यालय चमचमाता रहे। किंतु विद्यालय प्रधान की लापरवाही के कारण विद्यालय के विकास में फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं किया गया। लिहाजा विद्यालय आज भी रंग रोगन के अभाव में उपेक्षित है। विद्यालय में अध्यनरत बच्चे बिजली के अभाव में इस उमश भरी गर्मी में पढ़ाई करने को विवश हैं।

विद्यालय में शिक्षकों एवं बच्चों को पानी पीने के लिये कोई व्यवस्था नहीं है। शिक्षक एवं बच्चे अपने घर से पानी लाकर विद्यालय में अपनी प्यास को बुझा रहे हैं।

क्या कहती हैं विद्यालय की प्रधान

इस संबंध में पूछे जाने पर उत्क्रमित हाईस्कूल गरबांध की प्रधान अर्चना कुमारी ने कहा कि विद्यालय विकास मद में प्राप्त राशि से विद्यालय का विकास किया गया है। खेल मद में मिले राशि से खेल सामग्री के लिये ऑर्डर दिया गया है, जल्द ही विद्यालय में खेल सामग्री उपलब्ध हो जायेगा।

क्या कहते हैं बीईईओ

इस संबंध में पूछने पर बीईईओ विजय पांडेय ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो पूरे मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।