बीईईओ ने उमवि बरडीहा का किया औचक निरीक्षण, मोबाईल चलाते मिली शिक्षिका को फटकारा

बीईईओ ने उमवि बरडीहा का किया औचक निरीक्षण, मोबाईल चलाते मिली शिक्षिका को फटकारा

प्रधानाध्यपिका रुबी कुमारी ने बिना विद्यालय विकास किये कर ली राशि की निकासी 

प्रथम दृष्टया यह मामला राशि गबन का, होगी कार्रवाई : बीईईओ

बंशीधर न्यूज

श्री बंशीधर नगर : बीईईओ विजय पांडेय ने सोमवार को प्रखंड अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरडीहा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय की सहायक शिक्षिका आशा कुमारी को अध्यापन कार्य के बदले मोबाईल चलाते देख नाराजगी प्रकट करते हुये उन्हें कड़ी फटकार लगाई तथा आदत में सुधार लाने का निर्देश दिया।

जानकारी के मुताबिक बीईईओ विद्यालयों का हाल जानने के लिये क्षेत्र भ्रमण पर निकले थे। भ्रमण के दौरान उन्होंने सबसे पहले उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरडीहा का निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय की सहायक शिक्षिका आशा कुमारी को पढ़ाने के बदले मोबाईल चलाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य के दौरान लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सभी शिक्षक अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाते हुये ससमय अध्यापन कार्य करें।

उन्होंने प्रधानाध्यपिका रुबी कुमारी से विद्यालय विकास की राशि से किये गये विकास कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानाध्यापिका के द्वारा विकास कोष की राशि की निकासी करने और विकास कार्य नहीं किए जाने संबंधी जानकारी देने पर उन्होंने प्रधानाध्यापिका को कड़ी फटकार लगाई।

उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला विद्यालय विकास की राशि का गबन करने का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी कोष से पैसा निकाल कर रखना गंभीर मामला है, दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

बीईईओ ने विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 50 प्रतिशत देख असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों को छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिये जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था का हाल बहुत खराब है, विद्यालय के शिक्षक अपने कार्यप्रणाली में सुधार लायें नहीं तो विभागीय कार्रवाई के लिये तैयार रहें। 

उस मौके पर एकाउंटेंट अमित कुमार, विद्यालय की प्रधानाध्यपिका रूबी कुमारी सहित कई शिक्षक मौजूद थे। उधर बीईईओ के औचक निरीक्षण करने के बाद भी शिक्षकों में कोई सुधार नहीं हुआ। बीईईओ के जाने के बाद शिक्षक मोबाईल चलाने में व्यस्त रहे और बच्चे इधर-उधर दौड़ते रहे।