वनरक्षी भी गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, शुरू किया आंदोलन
बंशीधर न्यूज
मेदिनीनगर : झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के आह्वान पर वन विभाग के राज्य भर के वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली वनरक्षियों ने अपने मांगों को लेकर आंदोलन का शंखनाद कर दिया है।
संघ के पलामू जोन के अध्यक्ष प्रवीण शुक्ला और महामंत्री रोशन सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड सरकार द्वारा 2014 की वनरक्षी नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए वनपाल पद को सौ प्रतिशत प्रमोशन से नियुक्ति की जगह पचास प्रतिशत सीधी बहाली के लिए संशोधित किया गया है।
इसके साथ ही वनरक्षकों के 1315 पदों को प्रधान वनरक्षी के पद के लिए सृजित किया गया है। यह संशोधन 7 अगस्त को कैबिनेट से पारित हुआ है। यह संशोधन झारखंड राज्य अवर वन सेवा नियमावली 2024 के नाम से जानी जाएगी। उक्त संशोधन के विरोध में झारखंड राज्य के सभी वनरक्षी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
हड़ताली वनरक्षियों ने वनपाल के 100 प्रतिशत पद वर्ष 2014 की नियमावली के अनुसार वनरक्षियों के प्रमोशन से भरने समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को मेदिनीनगर में विभाग के प्रमंडलीय मुख्यालय में धरना दिया।
उस मौके पर झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के संयुक्त मंत्री पंकज पाठक, जोनल मंत्री रौशन सिंह, जोनल अध्यक्ष प्रवीण शुक्ला, शशिकांत कुमार, अर्पण कुमार, प्रमोद यादव, साकेत पाण्डेय, पुष्पराज सिंह, अरुण राम, यशवंत सिंह, आनंद कुमार, दिव्या भारती, प्रिया कुमारी, सरवन कुमार समेत गढ़वा पलामू और लातेहार के लगभग 300 से ज्यादा वनरक्षी मौजूद थे।
वनरक्षियों की प्रमुख मांगे
• झारखण्ड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 के प्रोन्नति और पदसोपान संबंधी सेवा शर्त पुनः बहाल की जाय।
• वनरक्षी के खिलाफ अहितकारी संशोधन वापस लिया जाय। वनपाल की सीधी भर्ती के लिए नियमावली बनाना बंद किया जाय।
• वर्ष 2017 में नियुक्त सभी वनरक्षी को प्रशिक्षित माना जाय।
• झारखण्ड गृह विभाग के तर्ज पर वनरक्षी-वनपाल को राशन भत्ता दिया जाय।
• वनरक्षी-वनपाल को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाय।
• फिक्स्ड टीए दिया जाय।
• वनरक्षी-वनपाल को 1 करोड़ का जीवन बीमा लाभ दिया जाय।