समाजसेवी के प्रयास से मुख्यपथ से जुड़ा चार गांव, निजी खर्च से बन रहा पहुंच पथ

समाजसेवी के प्रयास से मुख्यपथ से जुड़ा चार गांव, निजी खर्च से बन रहा पहुंच पथ

जमीनी विवाद के कारण वर्षों से लटका था निर्माण का मामला, पहुंच पथ निर्माण कार्य शुरू

बंशीधर न्यूज

विश्रामपुर : अपने देश में एक प्रसिद्ध कहावत है कि मानव जब जोर लगाता है, पत्थर भी पानी बन जाता है। इस कहावत को वरीय समाजसेवी सह बसपा नेता गोपाल राम ने पूरी तरह चरितार्थ किया है। गोपाल राम का प्रयास रंग लाया और वर्षों से भूमि विवाद में लटका हुआ मामला सुलझ गया। जिसके बाद पहुंच पथ का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मामला विश्रामपुर नगर परिषद के मायापुर गांव को मुख्य पथ से जोड़ने का है।

यहां बताते चलें कि बीमोड़ एनएच 75 से एक पक्का रास्ता मायापुर, रामजानी बिगहा होते हुये रेहला तक जाती है। लेकिन संत तुलसीदास कॉलेज के पास लगभग एक हजार फीट रास्ता जमीनी विवाद के कारण नहीं बन पा रहा था। जिससे उक्त सड़क दो भागों में विभक्त हो गया था। दो टुकड़ों में होने के कारण ग्रामीणों को सड़क का लाभ नहीं मिल पा रहा था और चार गांव मुख्य पथ से नहीं जुड़ पा रहे थे।

 समाजसेवी गोपाल राम ने केतात, मायापुर, रामजानी बिगहा और रेहला के ग्रामीणों को एक मंच पर लाकर वार्ता शुरू की। जिनकी जमीन पड़ती थी, उन रैयतों से अनुनय विनय कर अंततः इसका हल निकाल लिया। जिन भी रैयतों की जमीन पड़ती थी उन्होंने रास्ता के लिये जमीन दे दिया। जिसके बाद गोपाल राम ने अपने निजी खर्च से रोड का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया है। सड़क निर्माण के लिये मेटल, मोरम ट्रैक्टर से गिरना शुरू हो गया है।

जेसीबी मशीनों से जमीन का समतलीकरण भी करा दिया गया। गोपाल राम ने कहा कि सेवाभाव को लेकर लोगों के बीच पहुंचने का प्रयास करता हूं। आम लोगों का भी सहयोग मिलता रहता है। इधर ग्रामीणों ने इस पुनीत कार्य के लिये गोपाल राम के प्रति आभार व्यक्त किया है। मौके पर देवकांत चौबे, सेवानिवृत दारोगा शिव प्रसाद साहू, शैलेंद्र चौबे, मालिक चौबे, लूटूर चौबे, बच्चा चौबे, श्यामा चरण पाठक साहित कई लोग मौजूद थे।