भवनाथपुर के कड़िया डैम में तेज रिसाव, क्षेत्र में फैली अफरा-तफरी

बंशीधर न्यूज
भवनाथपुर : प्रखंड क्षेत्र के मकरी और अरसली दक्षिणी गांव के सीवान पर स्थित चार दशक पुराने कड़िया डैम से रविवार सुबह तेज रिसाव शुरू होने के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। स्थानीय ग्रामीणों को जैसे ही बांध के नीचे से असामान्य पानी का बहाव दिखा, यह खबर आग की तरह फैल गई और हजारों लोग डैम स्थल की ओर उमड़ पड़े। स्थिति की गंभीरता को देखते हुये प्रशासन ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया।
बीडीओ नंदजी राम, सीओ शंभू राम, थाना प्रभारी रजनी रंजन, एसआई दिनेश सिंह, परवेज आलम, नारायण प्रसाद समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और भीड़ को नियंत्रित करते हुये लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। इस बीच एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने डैम के आसपास जनसाधारण के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
डैम से रिसाव की सीधी मार पानियाही टोला के भुईयां परिवारों पर पड़ी है। रामप्रसाद, राधिका देवी, लालमुनि राकेश, शिवकुमार, राजेश, विपत्त, बबलू, सुनील, सुफिया कुंवर, कमलेश, भारदुल, बिनोद, किशुन, सिणोद विपत्ति, राजेश नंदू जैसे परिवार घबराकर ऊंचे स्थानों पर अपने जरूरी सामानों के साथ पहुंच गये हैं। बीडीओ नंदजी राम ने सभी प्रभावित लोगों से सरकारी स्कूल भवन में शरण लेने की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि भोजन और आवास की समुचित व्यवस्था की जायेगी।
प्रशासन ने राहत एवं बचाव दलों को स्टैंडबाय मोड में रखा है। टूटी तो तबाही तय, कई गांवों पर संकट अगर डैम टूटता है तो पानियाही, लंगड़ी, बुका और भवनाथपुर के निचले इलाके बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। इन क्षेत्रों की खड़ी फसलें, जल स्रोत, पुल-पुलिया आदि को भारी क्षति होने की आशंका है। डैम की स्थिति को लेकर स्थानीय लोग बेहद चिंतित और आक्रोशित हैं। गौरतलब है कि 2016 में भी इसी डैम में सीपेज की समस्या आई थी, जिसे अस्थायी मरम्मत कर ठीक किया गया था।
इसके अलावा 2011-12 में भी मरम्मती कार्य किया गया था। बावजूद इसके एक बार फिर डैम से रिसाव होना रखरखाव में भारी लापरवाही की ओर इशारा करता है। फिलहाल डैम की तकनीकी स्थिति का विशेषज्ञ इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण कराया जा रहा है। प्रशासन ने रिपोर्ट आने तक डैम स्थल पर आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है और अधिकारी लगातार निगरानी में जुटे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।