झासा के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता, भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं लड़ पाये तो दे देंगे इस्तीफा : विधायक

झासा के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता, भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं लड़ पाये तो दे देंगे इस्तीफा : विधायक

भ्रष्ट को भ्रष्ट कहेंगे ही, चाहे किसी को भला लगे या बुरा उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता

भ्रष्ट अधिकारी गढ़वा छोड़कर चले जायें

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि जनता उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिये चुनी है। वे जनता के प्रति उतरदायी हैं, यदि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं लड़ पायेंगे तो वे अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) की आयोजित बैठक में विधायक के कार्यक्रम का बहिष्कार करने के निर्णय के बाद विधायक श्री तिवारी ने रविवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उक्त बातें कही।

विधायक ने कहा कि झासा अधिकारियों को चोरी करने का लाईसेंस नहीं देता है। हम उसके स्टेट हेड से मिलकर गढ़वा के अधिकारियों की करतूतों से अवगत करायेंगे। उन्होंने कहा कि जब दिशा की बैठक में उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, भ्रष्ट अधिकारियों को भ्रष्ट कहा इससे डीसी बौखला गये। झासा के विरोध का उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। जनता ने जिस उम्मीद से उन्हें विधायक चुना है, हम जनता की विश्वास को टूटने नहीं देंगे। जनता की आवाज बन कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे।

विधायक श्री तिवारी ने कहा कि मेराल के राशन गोदाम में सीओ सह एमओ ने 2399 क्विंटल खाद्यान कम पाये जाने की लिखित सूचना डीएसओ को दी। उन्होंने इस मामले पर भी जवाब मांगा। साथ ही उन्होंने गढ़वा डीसी के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर पीएमओ, गृह मंत्रालय, एसीबी, मुख्य सचिव आदि को कार्रवाई के लिये लिखा है। जिससे डीसी काफी तिलमिला गये हैं। गढ़वा में मनरेगा में 50 प्रतिशत कमीशन, भवन निर्माण में 15 प्रतिशत कमीशन, एलपीसी बनवाने में रिश्वत आदि मुद्दों पर जवाब मांगा तो अधिकारी बौखलाकर झासा की बैठक करने लगे।

विधायक श्री तिवारी ने कहा कि वे भ्रष्ट को भ्रष्ट कहेंगे ही। चाहे किसी को भला लगे या बुरा उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी गढ़वा छोड़कर चले जायें, वे किसी को बकसने वाले नहीं हैं। विधायक ने कहा कि कई आईएस अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में ही मर गये। गढ़वा के अधिकारी भी नहीं सुधरेंगे तो यही दशा होगी।

श्री तिवारी ने कहा कि हेमंत सरकार पिछले पांच साल में बालू का टेंडर नहीं करा सकी। जब उन्होंने विधानसभा में आवाज उठायी तो सरकार को झुकना पड़ा और अंततः 2018 के नियम को ही लागू किया गया। मौके पर पूर्व सांसद घुरन राम, रिंकु तिवारी आदि लोग उपस्थित थे।