नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के आरोपी पिता को उम्रकैद, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के आरोपी पिता को उम्रकैद, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट दिनेश कुमार की अदालत ने अपनी 12 वर्षीय नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म के आरोपी पिता गढ़वा थाने के संग्रहे खुर्द निवासी शेख इम्तेयाज को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। ऐसे घृणित अपराध के लिए अदालत ने आरोपी पिता को मरने से पहले तक जेल के सलाखों में रहने की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है।

यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता के दादा शेख एनुल्लाह ने गढ़वा थाना में 15 मई 2023 को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता के दादा शेख ऐनुल्लाह ने आरोप लगाया था कि ईद से पहले रोजा के समय उसकी 12 वर्षीय पोती डरी सहमी और उदास थी। पूछने पर बताया कि उसके अब्बू उसके साथ कई बार गलत काम किए हैं। डरा धमका कर बोलते हैं कि यह बात किसी को बताएगी तो तेरा जीभ काट देंगे और हत्या कर डैम में फेंक देंगे।

पीड़िता द्वारा मम्मी को बताने के बाद उसकी मम्मी के सामने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। जब इम्तियाज को ऐसा करने से मना किया गया तो वह सभी को जान मार कर फेंक देने की धमकी देने लगा। मामला पंचायत में भी रखी गई, इसके बाद उसके दादा पोती को लेकर अलग घर में रहने लगे। तब से आरोपी इम्तियाज लगातार पीड़िता और वृद्ध दादा दादी की हत्या करने की धमकी देते रहा जिससे वे लोग काफी डरे हुए थे।

गढ़वा थाने की पुलिस ने 20 मई 2023 को इम्तेयाज को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत भेज दिया। पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध दुष्कर्म एवं पोक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में चार्ज शीट किए जाने पर कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में संज्ञान लेते हुए आरोपी के विरुद्ध आरोप गठन कर त्वरित सुनवाई की।

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आठ गवाहों एवं बचाव पक्ष की ओर से दो साक्षियों, अन्य साक्ष्यों, मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर और उभयपक्षों को सुनने के बाद सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में यह कहा है कि ऐसे घृणित अपराध जिसमें आरोपी अपनी नाबालिग बेटी से डरा धमकाकर पत्नी के सामने बार-बार बलात्कार किया हो, ऐसे मामले में सजा मौत से पहले तक आजीवन कारावास से कम नही हो सकता है।

अदालत में अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि "विक्टिम सूड बी डेल्ट विथ आयरन हैंडस रेप बिफोर हिज वाइफ।" अदालत में इस मामले की पीड़िता को क्षतिपूर्ति के लिए डीएलएसए सचिव को रेफर किया है और सीआरपीसी की धारा 365 के तहत डीसी गढ़वा को भेजा है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित एवं बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानंद दूबे ने पैरवी की।