रामराज्य की स्थापना में मंथरा की दुर्बुद्धि बना था बाधक : मारुति किंकर जी महाराज

बंशीधर न्यूज
विश्रामपुर : विश्रामपुर नगर परिषद के प्रमुख कस्बा रेहला स्थित सिद्धपीठ योगीवीर बाबा मंदिर परिसर में वासंतिक नवरात्र पर चल रहे रामकथा के पांचवें दिन वाराणसी के मानस मर्मज्ञ सह वैदिक परंपरा के सिद्ध संत व कथावाचक श्री श्री 1008 मारुति किंकर जी महाराज ने श्रीरामचरितमानस में रामराज्य की स्थापना से जुड़ी मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने कहा कि महाराज दशरथ रामराज्य की स्थापना करना चाहते हैं। किन्तु मंथरा की दुर्बुद्धि ने रामराज्य में बाधक बनकर सामने आ गयी। मंथरा समाज की वह दुर्वृत्ति है। जिसके पीछे स्वार्थ का कूबड़ निकला है और अपने पद अर्थात पांव की तरफ झुकी रहती है।
उन्होंने कहा कि जिसकी दृष्टि अपने पद की तरफ झुकी है। उसी मंथरा ने कैकेयी को उनके बेटे के पद की तरफ झुकाया। जब पद के लिये जहां मेरा-मेरा शुरू हुआ तब वहां बीच में मोह की रात्रि आ गयी। उसी कारण रामराज्य वर्षों के लिये टल जाता है।