श्री रामचरित मानस पाठ सह अमृत प्रवचन में सुनाई गई भगवान की रासलीला

श्री रामचरित मानस पाठ सह अमृत प्रवचन में सुनाई गई भगवान की रासलीला

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : श्री रामलला मंदिर में आयोजित श्री रामचरित मानस पाठ सह अमृत प्रवचन के चौथे दिन भगवान की रासलीला की कथा सुनाई गई। साथ ही स्थानीय बच्चियों ने रासलीला की अनोखी प्रस्तुति कर सभी भक्तों को नाचने के लिये विवश कर दिया। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष अलखनाथ पांडेय एवं उपाध्यक्ष नन्द कुमार गुप्ता ने आचार्य संजय कृष्ण शास्त्री को माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस मौके पर अध्यक्ष ने कहा कि हम सब बड़े ही स्वभाग्यशाली हैं कि अयोध्या के बाद झारखंड के गढ़वा में भगवान रामलला बालरूप में मौजूद हैं। श्री रामनवमी का पर्व हम सब को नौ दिनों तक सात्विक भाव से प्रभु राम से सीखने का अवसर प्रदान करता है। इसी उद्देश्य के साथ यहां प्रतिवर्ष श्री रामनवमी महोत्सव मनाया जाता है। इस मौके पर रासलीला की कथा सुनाते हुये आचार्य संजय कृष्ण शास्त्री ने कहा कि गोपियां कोई सुंदर महिलाएं एवं युवतियां नहीं थी।

ये गोपियां त्रेता युग के दंडक वन के संत थे जो भगवान राम पर मोहित हो गये थे और उनका संसर्ग चाहते थे। जिन्हें राम ने द्वापर युग में गोपियों के रूप में स्वीकार किया। ये गोपियां दैत्य राज में सताये गये साधु संत थे, ये गोपियां 80 हजार वेद मंत्र थीं जो किसी की बेटी, किसी की बहन, किसी की पत्नी, किसी की बहु बनकर आई थीं।

रास देव जनों से लेकर सभी सनातनियों के लिये इतना पवित्र और प्रेरणा दाई था कि ब्रह्मा जी ने रास की रात्रि को छह माह का बना दिया था। रास इतना आकर्षक था कि भगवान शंकर भी महिला वेश धारण कर पहुंच गये थे। वास्तव में रस की रात्रि अमृत की रात्रि थी, सारे कष्ट, व्यावधान, पाप, अन्याय को समाप्त करने वाली थी। रास की रात्रि भगवान से सीधे आशीर्वाद और वरदान मिलने वाली थी, वह सारी मनोकामना पूरी करने वाली रास थी।

जिसे पाने के लिये देव जन भी तरस रहे थे। मौके पर मंदिर समिति के सचिव धनंजय सिंह, कोषाध्यक्ष धनंजय गोंड, विकास दुबे, सुदर्शन सिंह, श्यामा पांडेय, किशोर सिंह, दिलीप कमलापुरी, आशीष अग्रवाल, धनंजय ठाकुर, विश्वनाथ सिंह, जितेंद्र कमलापुरी, अनिल शर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।