विश्व आदिवासी दिवस पर मंत्री ने किया 51 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण

वन अधिकार पट्टा वितरण में नंबर वन बना गढ़वा : मंत्री मिथिलेश
बंशीधर न्यूज
गढ़वा : वन अधिकार पट्टा वितरण में गढ़वा पूरे राज्य में नंबर वन बन गया है। शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर गढ़वा विधायक व झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने समाहरणालय के सभागार में अबुआ बीर अबुआ दिशोम वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन पट्टा का वितरण किया गया। इस दौरान मंत्री ने 39 हजार एकड़ से अधिक 51 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण किया।
इससे पूर्व मंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मौके पर मंत्री श्री ठाकुर ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुये कहा कि दिशोम गुरू शिबु सोरेन ने जिस सोच के साथ झारखंड राज्य को अलग कराया था, उनका सपना अब हेमंत सोरेन पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस 1994 से मनाया जा रहा है। लेकिन झारखंड में वर्ष 2013-14 में हेमंत सोरेन ने इसकी शुरूआत की थी।
मंत्री ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत परंपरागत रूप से वनों पर आश्रित रहने वाले अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदाय के लोगों के जीवन यापन तथा दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये वन भूमि पर साग सब्जी, तेंदूपत्ता, सेरोई, सुखी लकड़ियां, मछली, लघु वन उपज के संग्रहण के साथ-साथ खेल का मैदान, शमशान, कब्रिस्तान, सरना अथवा पूजा स्थल आदि के अति अनिवार्य आवश्यकता को विधिक मान्यता प्रदान करने के लिये झारखंड सरकार ने अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान की शुरुआत पिछले वर्ष नवंबर 2023 में की गई थी।
इसके तहत वर्ष 2024 में पूरे राज्य में वन पर परंपरागत रूप से निर्भर अनुसूचित जनजाति एवं अन्य समुदायों को उनके हक और अधिकार को मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के सभी 24 जिलों में प्रथम चरण में अधिक से अधिक संख्या में सामुदायिक वन अधिकार पट्टा को वितरित करने का आदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया था। मंत्री ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत गढ़वा जिले में वर्ष 2009 से दिसंबर 2023 तक 1224 व्यक्तिगत पट्टा एवं 320 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा 18286.21 एकड़ का वितरण किया गया था।
जबकि आज विश्व आदिवासी दिवस पर वर्ष 2024-25 में कुल 51 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा कुल 39 हजार एकड़ से अधिक का वितरण किया गया। वनों पर परंपरागत रूप से आश्रित रहने वाले अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदायों को उनके वनअधिकार को मान्यता देने का यह अब तक का सबसे बड़ा कदम है।
जिसमें गढ़वा जिले ने पूरे राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है। मौके पर डीसी शेखर जमुआर ने भी विचार व्यक्त किये। मौके पर एसपी दीपक कुमार पांडेय, डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा, डीएफओ दक्षिणी, जिला कल्याण पदाधिकारी, विभिन्न क्षेत्रों से आये लाभुक सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।