गढ़वा में राजद में घमासान फर्जी चुनाव का आरोप

गढ़वा में राजद में घमासान फर्जी चुनाव का आरोप

बंशीधर न्यूज

डंडई/गढ़वा: गढ़वा में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रेसवार्ता कर नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष पर फर्जी तरीके से पद हथियाने का गंभीर आरोप लगाया। इस दौरान नेताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अनदेखी और संगठन को व्यक्तिगत हितों से चलाने की बात कही।

राजद युवा नेता प्रताप यादव ने कहा कि पार्टी के संस्थापक लालू प्रसाद यादव ने राजद को संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर खड़ा किया था, लेकिन आज पार्टी की स्थानीय इकाई में इन मूल्यों को ताक पर रखकर जिला कमेटी सिर्फ कागजों पर बनाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी द्वारा प्रखंड अध्यक्षों का चयन कहीं भी लोकतांत्रिक तरीके से नहीं किया गया है।

 बल्कि घर बैठे ही मनमाने तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के नाम पर फर्जी तरीके से कागजात तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कल के हुए जिला अध्यक्ष चुनाव में भी चुनाव प्रभारी की मिलीभगत से फर्जी तरीके से चुनाव कराया गया।प्रताप यादव कहा कि यह चुनाव फिक्स था। कार्यकर्ताओं की राय नहीं ली गई, सब कुछ पहले से तय था।

अब पार्टी में जो लोग आवाज उठाते हैं, उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। प्रताप ने आरोप लगाया कि 2024 के विधानसभा चुनाव में राजद के जिला अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सपा का प्रचार किया था। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष अपने संगठनात्मक दायित्वों से हटकर काम कर रहे हैं और मनमानी तरीके से अपने आवास पर राजद कार्यालय खोलकर उसका संचालन कर रहे हैं।

प्रताप ने मांग की कि ऐसे लोगों को पार्टी से बर्खास्त किया जाए और फिर से जिला अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए ताकि पार्टी की खोई हुई साख बहाल हो सके। प्रेसवार्ता के दौरान मौजूद राजद पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष रमजान हाशमी ने भी इस प्रक्रिया को अनुचित और एकतरफा बताया। उन्होंने कहा की आज जो कुछ भी हो रहा है, वह पार्टी के उस सिद्धांत के खिलाफ है, जिस पर हमने इसे खड़ा किया था।

कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर केवल गुटबाजी से संगठन नहीं चलेगा। अगर यही चलता रहा तो पार्टी को गढ़वा में भारी नुकसान होगा। दोनों नेताओं की प्रतिक्रिया से साफ है कि गढ़वा राजद में अंदरूनी असंतोष गहरा हो चुका है। कार्यकर्ता अब खुलकर नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं और पारदर्शी चुनाव की मांग कर रहे हैं। अब निगाहें पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर हैं कि क्या वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे या इसे अंदरूनी मामला बताकर टाल देंगे।