गुप्त काशी यात्रा में शामिल साधु संत और श्रद्धालु पहुंचे श्री बंशीधर नगर

मंदिरों में दर्शन पूजन के बाद गुप्ता धाम और मां अमिला धाम रवाना
बंशीधर न्यूज
श्री बंशीधर नगर : गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट सोनभद्र उत्तरप्रदेश के तत्वावधान में निकली गुप्त काशी यात्रा में शामिल साधु संतों और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्री बंशीधर मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन किया।
गुजरात राज्य के बलसांड में स्थित श्रीसीताराम आश्रम के पूज्य संत समर्थ श्री रामदास जी महाराज के संरक्षण और गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के प्रधान रवि प्रकाश चौबे की अगुवाई में निकली यात्रा में शामिल साधु संतों ने श्री बंशीधर नगर में राजा पहाड़ी की चोटी पर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर एवं पाल्हे कला में वज्रशेखर श्री आशुतोष महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की।
यात्रा में शामिल लोगों ने श्री आशुतोष महादेव मंदिर परिसर में रात्रि विश्राम किया। दूसरे दिन प्रातः मंदिर में दर्शन पूजन के पश्चात यात्रा में शामिल लोग कैमूर पर्वत माला में स्थित गुप्ता धाम और मां अमिला धाम के लिए प्रस्थान कर गए। भवनाथपुर विस क्षेत्र के पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव, श्री बंशीधर मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने साधु संतों से आशीर्वाद लेकर यात्रा को आगे के लिए रवाना किया।
उस मौके गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के प्रधान रवि प्रकाश चौबे ने कहा कि सोनांचल में अवस्थित देव दुर्लभ स्थलों का भ्रमण करते हुए जनमानस को प्रकृति, पर्यावरण, पर्यटन,धर्म सृष्टि, संस्कृति रक्षण का संकल्प दिलाने के लिए गुप्त काशी दर्शन यात्रा पिछले 9 वर्षों से निकाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा में शामिल लोग सोनभद्र जिले के कैमूर वन और पर्वत श्रृंखला में अवस्थित विभिन्न ऐतिहासिक एवं पौराणिक धर्म स्थलों पर जाकर दर्शन एवं पूजन करते हैं। उन्होंने कहा कि श्री बंशीधर नगर गुप्त काशी क्षेत्र के अग्नि कोण पर अवस्थित है इसलिए इस वर्ष से इस क्षेत्र को भी गुप्त काशी दर्शन यात्रा से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त 2024 को वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के उपरांत इस वर्ष की यात्रा को विश्राम दिया जाएगा।
यात्रा में गुजरात से बलसांड से पधारे पूज्य संत समर्थ श्री रामदास जी महाराज के अलावे श्री केदारनाथ धाम के महंत मणि दास जी महाराज, वृंदावन के संत प्रेम निधि दास जी महाराज, श्री धाम अयोध्या जी के स्वामी श्री विजयनारायणाचार्य जी महाराज, देवरहा बाबा आश्रम देवरिया के अरुण जी महाराज, पूज्य संत मोनी लोग प्रज्ञागिरी जी महाराज, स्वामी दयानंद जी महाराज, पंचमुखी महादेव के महंत लक्ष्मण दास जी समेत गुप्तकाशी के विविध स्थलों से आए कई साधु संत एवं श्रद्धालु शामिल थे।