पलामू के इस हॉस्पिटल के नाम बड़ी उपलब्धि, ऑग्जिनिम जोड़ लगाने वाला पहला हॉस्पिटल बना

बंशीधर न्यूज
मेदिनीनगर : पलामू के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है, बहुत बड़ी उपलब्धि है। उपलब्धि मेदिनीनगर शहर में स्थित निर्मला मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर के नाम है। उक्त हॉस्पिटल ने "ऑग्जिनिम" से बना जोड़ लगाने वाला पहला अस्पताल बन गया है। अस्पताल के निदेशक एवं प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने बुधवार को इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
पलामू जिले के ही एक व्यक्ति के बुरी तरह से खराब हो चुके घुटने को ऑग्जिनिम से बने कृत्रिम घुटने से बदला गया। इस कीर्तिमान के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने बताया कि ऑग्जिनिम एक अतिविशिष्ट प्रकार का धातु है जो कि ऑक्सीडाइज जिर्कोनीयम का विशुद्ध रूप है। इस धातु को विशेष प्रकार से उच्च तापमान पर गर्म कर के बनाया जाता है जिससे कि इसमें ज्यादा मजबूती और गुणवत्ता आ जाती है। इस धातु से बने जोड़ लंबे समय तक खराब नहीं होते और मरीजों के पूर्ण रूप से बदल दिए गए घुटने, कुल्हे, कोहनी आदि का जीवन ज्यादा होता है।
डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि निर्मला अस्पताल में अब तक हजारों मरीजों के पूरी तरह से खराब हो चुके जोडों को पूर्ण प्रत्यारोपण के जरिए बदला गया है। लेकिन ये पहली बार है कि पलामू में पहली बार किसी मरीज के घुटने में "ऑग्जिनिम" से बने कृत्रिम घुटने लगाए गए हों। "ऑग्जिनिम" से बने इम्प्लांट को प्रसिद्ध अमेरिकी कंपनी स्मिथ एन्ड नेफ्यू ने काफी रिसर्च के बाद बनाया है।
यह पहली बार है कि इस क्षेत्र में इसका प्रयोग किया गया है। वैसे सामान्य कृत्रिम जोड़ 15 से 25 साल चलते हैं लेकिन ऑग्जिनिम से जोड़ों की उम्र और गुणवत्ता इससे कहीं ज्यादा होगी। इसकी मदद से मरीज आजीवन दर्द रहित जीवन जी सकते हैं।" उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि निर्मला अस्पताल को विशेषज्ञ जोड़ प्रत्यारोपण सेंटर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।