किसानों ने शुरू की जोहा धान की जैविक खेती

किसानों ने शुरू की जोहा धान की जैविक खेती

बंशीधर न्यूज

पलामू: जिले के हुसैनाबाद प्रखंड में अब हाईटेक खेती के साथ एक नया नवाचार जुड़ गया है। दंगवार पंचायत अंतर्गत वीकेएस एग्रीफार्म प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, नदियांई के सदस्यों ने असम से मंगाए गए 20 किलो जोहा धान के बीज से इसकी खेती की शुरुआत की है। यह बीज प्रयोग के तौर पर डुमरहाथा गांव के तीन किसानों प्रियरंजन सिंह, अशोक मिस्त्री और तेजु कुमार सिंह ने अपने खेतों में एक-एक एकड़ भूमि पर जैविक विधि से बोया है।

जोहा चावल अपनी अनोखी खुशबू और स्वाद के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। कंपनी के डायरेक्टर प्रियरंजन सिंह ने सोमवार को बताया कि जोहा चावल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति किलो 350 से 400 रूपए किलो तक बिकता है। इसकी खास बात यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक्स, ओमेगा-थ्री और छह फैटी एसिड, अमीनो एसिड, कैल्शियम, आयरन और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व भरपूर पाए जाते हैं, जो इसे बेहद स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं।

जोहा चावल को असम में जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जिआई) टैग प्राप्त है। रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए यह चावल विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। उल्लेखनीय है कि हुसैनाबाद में पहले ही पिपरमेंट, लेमनग्रास, काला धान, काला गेहूं, चिया सीड्स, शुगर फ्री आलू, काला हल्दी, वर्मी कंपोस्ट जैसे आधुनिक कृषि प्रयोगों में उल्लेखनीय सफलता मिल चुकी है। अब जोहा धान की खेती इस दिशा में एक और मजबूत कदम है।

अगर इस साल यह प्रयोग सफल रहा तो अगले वर्ष बीज उत्पादन कर जोहा धान की खेती को पूरे पलामू और झारखंड के अन्य जिलों में वीकेएस एग्रीफार्म एफपीओ के माध्यम से विस्तार दिया जाएगा। यह पहल न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि जैविक खेती को भी बढ़ावा देगी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को एक बेहतर विकल्प देगी।