न तो प्रश्नपत्र मिला और न ही उत्तरपुस्तिका, ब्लैकबोर्ड से प्रश्न देख परीक्षा दे रहे स्कूली बच्चे

ब्लैकबोर्ड में सवाल लिखते-लिखते मास्टर जी के छूट रहे पसीने
जितेंद्र यादव
डंडई : झारखंड सरकार की ओर से स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन इसका जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहां बच्चों को न तो प्रश्नपत्र मिला और न ही उत्तरपुस्तिका, बच्चे ब्लैकबोर्ड से प्रश्न देख परीक्षा दे रहे हैं। यह हाल है प्लस टू उच्च विद्यालय लवाही कला का। यही हाल विभिन्न विद्यालयों की है। जानकारी के मुताबिक प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में सोमवार से कक्षा 1 से 7 तक की योगात्मक मूल्यांकन परीक्षा शुरू है।
लेकिन यह परीक्षा शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है। वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में छात्र-छात्राओं को विभाग के द्वारा प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिका उपलब्ध नहीं कराया गया है। परीक्षा आयोजन को लेकर विभाग की ओर से प्रश्न पत्र को पीडीएफ में भेजा गया है। मजबूरन विद्यालय के शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखते नजर आ रहे है। छात्र-छात्राओं को प्रश्न पत्र कॉपी में उतार कर उसका जवाब दे रहे हैं।
वहीं कई विद्यालयों में छात्रों को अपनी घर से कॉपी लाना पड़ रहा है। इससे छात्र-छात्राओं को ब्लैक बोर्ड से प्रश्न पत्र को उतारने में काफी समय गुजर जा रहा है। प्लस टू उच्च विद्यालय लवाही कला के प्राचार्य अमिताभ कुमार ने बताया कि हमारे यहां 1 से 7 तक की कक्षा में 574 छात्र-छात्रााएं हैं। विद्यार्थियों की अधिक संख्या होने के कारण सभी को प्रश्न पत्र का फोटोकॉपी करा कर देना संभव नहीं है। इसके बाद भी किसी तरह प्रश्न पत्र की व्यवस्था कर परीक्षा ली जा रही है।
वहीं शिक्षक प्राण यादव, आलोक कुमार, परमानंद कुमार सहित अन्य शिक्षकों का कहना है कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के शिक्षक किसी प्रश्न पत्र को प्रिंट करा कर परीक्षा ले रहे हैं। लेकिन जिस विद्यालय में छात्रों की संख्या अधिक है वहां काफी परेशानी हो रही है। एक विषय का प्रश्न पत्र 4 पृष्ठ का होता है। एक पृष्ठ का फोटो कॉपी का मूल्य दो-तीन रुपये है।
यदि कक्षा 3 से 5 तक में 100 छात्र नामांकित हैं तो प्रति विषय एक हजार रुपये से लेकर 12 सौ रुपये खर्च होंगे। इन कक्षाओं में चार विषय की परीक्षा ली जानी है। अगर सभी छात्र छात्राओं के लिये प्रत्येक विषय का प्रश्नन पत्र का प्रिंट आउट कराया जाय तो पांच हजार से दस हजार रुपये तक का खर्च आयेगा।