भवनाथपुर प्लस टू हाईस्कूल का हाल, हाकिम मेहरबान तो प्रिंसिपल पहलवान

भवनाथपुर प्लस टू हाईस्कूल का हाल, हाकिम मेहरबान तो प्रिंसिपल पहलवान

विभाग का जोर अतिरिक्त कक्षाओं पर, लेकिन नियमित कक्षाएं भी नहीं चल रहीं

बंशीधर न्यूज

भवनाथपुर : राजकीयकृत प्लस टू हाईस्कूल में प्रिंसिपल का प्रभार बदलने पर व्यापक बदलाव दिखाई दे रहा है। टिफिन के बाद छात्र स्कूल से गायब रह रहे हैं। जबकि नये प्रभारी प्रिंसिपल ऑफिस में शिक्षकों के साथ समोसा पार्टी कर रहे हैं। स्कूल का यह हाल बुधवार को स्कूल कार्यावधि की है।

जानकारी के अनुसार स्कूल में शिक्षण कार्यावधि प्रातः 9 बजे से 3 बजे तक निर्धारित है। 12 बजकर 20 मिनट पर टिफिन का समय निर्धारित है। बुधवार को स्कूल में जो दिखाई दिया उससे स्पष्ट है कि टिफिन के बाद स्कूल में एक भी छात्र नहीं रहते हैं। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय ऑफिस में आपस में गप्पे लड़ाते हैं और पार्टी करते हैं।

बताया गया है कि फिलहाल स्कूल में दसवीं व बारहवीं कक्षा के छात्रों का मॉडल टेस्ट चल रहा है। टेस्ट का समय सुबह 10 बजे से 1 बजे तक का है। ग्यारहवीं कक्षा के दोनों संकाय आर्ट्स व साइंस के छात्रों को तीन बजे तक पढ़ाना है। लेकिन बुधवार को स्कूल में टिफिन के बाद ग्यारहवीं कक्षा का कोई छात्र नहीं था। जबकि उन्हें तीन बजे तक पढ़ाना था। 1 बजकर 20 मिनट पर स्कूल की सभी कक्षाएं खाली थी। प्रिंसिपल समेत सारे शिक्षक ऑफिस में आपस में गप्पें लड़ाते हुये समोसे का आनंद ले रहे थे। प्रिंसिपल स्कूल में थे लेकिन उन्हें यह भी मालूम नहीं था कि कक्षा में छात्र हैं या कक्षा खाली है।

प्रिंसिपल दिलीप उपाध्याय ने बताया कि अभी स्कूल में 10 बजे से 1 बजे तक परीक्षा चल रही है। इसलिये छात्र परीक्षा देकर घर चले गये हैं। ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि छात्र कक्षा में ही होंगे। मजे की बात है कि स्कूल में रहने के बावजूद उन्हें पता नहीं था कि स्कूल के सारे कमरे खाली हैं।

स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रों के कक्षा में होने संबंधी दावा बड़े भोले अंदाज में किया लेकिन उन्हें शायद इस बात का तनिक भी इल्म नहीं है कि उनके विभाग का जोर बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करने की है। विभाग ने बाकायदा इसके लिये विगत 8 जनवरी को पत्र प्रेषित कर सुस्पष्ट निर्देश भी जारी किया है। लेकिन प्लस टू हाईस्कूल भवनाथपुर में अतिरिक्त कक्षा की कौन कहे, नियमित कक्षाएं भी नहीं चल रही है। स्कूल में विभागीय सचिव के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, ऐसा इसलिये हो रहा है क्योंकि मौजूदा प्रिंसिपल पर जिला के बड़े हाकिम मेहरबान हैं। मतलब हाकिम मेहरबान तो प्रिंसिपल पहलवान हैं। मेहरबानी का कारण क्या हो सकता है इससे सभी वाकिफ हैं।

यहां यह बताना जरूरी है कि स्कूल में पिछले कई महीनों से शिक्षकों के बीच जारी आपसी गतिरोध को देखते हुये डीईओ ने प्रिंसिपल अंकित त्रिवेदी को हटाकर दिलीप उपाध्याय को प्रभारी प्रिंसिपल का प्रभार दिया है। लेकिन दिलीप उपाध्याय को प्रभार मिलने के बाद अराजकता बढ़ गई है। स्कूल का सारा सिस्टम बेपटरी हो गया है। फिलहाल पर्दे के पीछे से अपने स्वार्थ पूर्ति के लिये गुटबाजी को हवा देनेवाले शिक्षकों की अब चांदी है।

प्रभार बदलने के बाद खुली हवा में सांस लेने वाले शिक्षक अब तो छात्रों को पढ़ाने के बजाय गप्पे लड़ाने और समोसा पार्टी में समय व्यतीत कर रहे हैं। जबकि स्कूल में मौजूद प्रिंसिपल को इस बात का पता नहीं है कि उनके छात्र स्कूल से नदारद हैं।

उधर इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिये डीईओ को फोन किये जाने पर उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया।