महान संत थे जैन मुनि विद्या सागर जी महाराज : सांसद

महान संत थे जैन मुनि विद्या सागर जी महाराज : सांसद

बंशीधर न्यूज

मेदिनीनगर : जैन मुनि आचार्य विद्या सागर जी महाराज के देवलोक गमन हो जाने पर दिगंबर जैन समाज की ओर से जैन मंदिर में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें पलामू सांसद वीडी राम, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, अरुणा शंकर व सुरेंद्र सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य लोग शामिल हुये।

सभी वक्ताओं ने समाधिस्थ संत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्र, समाज व धर्म के प्रति उनके किये गये कार्यों की चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज की चर्या, आचरण व तेज असाधारण होने के बावजूद भी उन्होंने हमेशा लोगो के बीच सामान्य ही रहना पसंद किया।

कर्नाटक प्रांत के अत्यंत छोटे से गांव सदलगा बेलगाम में वर्ष 1946 शरद पूर्णिमा के दिन जन्म लेकर अपने आभा मंडल से पूरे विश्व को प्रकाशमान करने वाले विद्याधर ने वर्ष 1968 में आचार्य ज्ञानसागर महाराज से दीक्षा लेकर संत शिरोमणी विद्यासागर के नाम से ख्याति कीर्ति अर्जित की। विश्व का पहला संत संघ होगा जिसके लगभग सभी संत बाल ब्रह्मचारी है।

अपने पूरे साधु जीवन में उन्होंने रुपये पैसे को कभी हाथ नहीं लगाया। अभी हाल ही में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु पीएम नरेंद्र मोदी एवम संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे आशीर्वाद एवम् मार्गदर्शन प्राप्त किया। अपने संयम पथ के विराम का अंदेशा वो लगभग तीन चार माह पूर्व से संकेतो में देने लगे थे। तीन दिन के निर्जला उपवास एवं पूर्ण मौन साधना में पूरे संज्ञान के साथ ओम का जाप करते हुवे 17 फरवरी को पूरे विश्व को मोक्ष मार्ग एवम जीव दया के प्रति अपना मार्ग दर्शन देते हुये महासमाधि अंगीकार कर लिया।

मौके पर जैन सचिव सागर, जैन कमल, कशलीवाल, सुरेश जैन, रतन देवी जैन, पुष्पा देवी, जैन रेणु गोयल, रमा रारा, उर्मिला कासलीवाल समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के आयोजन में मीडिया प्रभारी मनोज पहाड़िया की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभा की अध्यक्षता दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष सरस जैन व संचालन गुंजन रचना कासलीवाल ने किया।