लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पलामू में तैनात होंगी सीआरपीएफ की दो कंपनियां

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पलामू में तैनात होंगी सीआरपीएफ की दो कंपनियां

बंशीधर न्यूज

पलामू: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पलामू में एक बार फिर सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की जायेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले सीआरपीएफ के नेतृत्व में झारखंड-बिहार सीमा पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जायेगा।

गृह मंत्रालय और राजस्थान सरकार के सहयोग से पलामू को सीआरपीएफ की दो कंपनी उपलब्ध करायी जा रही हैं। झारखंड के अन्य जिलों को भी लोकसभा चुनाव से पहले अर्धसैनिक बलों की एक-एक कंपनी उपलब्ध करायी जानी है। साल 2023 के शुरुआती महीनों में पलामू से सीआरपीएफ को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गयी।

पलामू में तैनात सीआरपीएफ की 134 बटालियन को सारंडा इलाके में तैनात कर दिया गया है। सीआरपीएफ का मुख्यालय पलामू में है लेकिन इसकी सभी कंपनियां सारंडा इलाके में तैनात हैं, जिसकी वजह से माओवादी खुद को मजबूत करने के फिराक में हैं। सीआरपीएफ के हटने के बाद नक्सल विरोधी अभियान भी कमजोर हुआ है।

नितेश यादव का दस्ता एक इलाके को लगातार अपना ठिकाना बनाये हुए है। सीआरपीएफ हटने के बाद नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को सफलता नहीं मिली है। पूर्व माओवादी सुरेंद्र यादव ने बताया कि निश्चित रूप से सीआरपीएफ के क्लोज होने के बाद नक्सली खुद को मजबूत करने के फिराक में हैं। जिस इलाके को दस्ता ने अपना ठिकाना बनाया है, वह इलाका माओवादियों का पुराना गढ़ है।