मनरेगा में प्रशासनिक आदेश की उड़ रही धज्जियां, रोक के बावजूद डोभा का भुगतान जारी

मनरेगा में प्रशासनिक आदेश की उड़ रही धज्जियां, रोक के बावजूद डोभा का भुगतान जारी

मनरेगा मिट्टी मोरम कार्यों पर रोक के बावजूद डंडई में डोभा योजनाओं का किया गया भुगतान

जितेंद्र यादव

डंडई: प्रखंड में मनरेगा योजनाओं को लेकर जारी दिशा-निर्देशों की खुलेआम अवहेलना सामने आई है। वरीय अधिकारियों के निर्देश के आलोक में डंडई प्रखंड विकास पदाधिकारी देवलाल करमाली ने 15 जून 2025 से मनरेगा के तहत संचालित सभी मिट्टी और मोरम आधारित कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।

इस संबंध में बीडीओ ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर प्रखंड क्षेत्र के सभी मुखिया, बीपीओ, कनीय अभियंता, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक और मनरेगा ऑपरेटरों को स्पष्ट निर्देश दिए थे।उस पत्र में यह साफ तौर पर उल्लेख किया गया था कि अगले आदेश तक किसी भी प्रकार के मिट्टी-मोरम कार्य की स्वीकृति, ऑनलाइन डिमांड और भुगतान नहीं किया जाएगा। बीडीओ द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई कर्मी इस आदेश की अवहेलना करता है, तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

इन सख्त निर्देशों के बावजूद, तसरार पंचायत में मनरेगा नियमों की खुली अनदेखी सामने आई है। पंचायत निवासी लाभुक जैनुल बीबी के नाम से डोभा योजना संख्या 7080903732598 के अंतर्गत 20 जून को मिट्टी-मोरम से संबंधित कार्य का डिमांड मनरेगा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। इसके अलावा, लाभुक प्रमोद तुरिया (योजना सं. 7080901683628), प्यारी सिंह (योजना सं. 7080901544640), राजेश कुमार तिवारी (योजना सं. 7080903763176) और एस. कुमार यादव (योजना सं. 7080903716409) उक्त सभी योजनाओं में 15 जून के बाद डिमांड लगाया गया।

इतना ही नहीं सभी का भुगतान भी कर दिया गया है। यह मामला न केवल बीडीओ के आदेश की खुली अवहेलना है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी नियमों की अनदेखी का गंभीर मामला भी बन गया है। इस मामले के उजागर होने के बाद स्थानीय स्तर पर यह चर्चा का विषय बन गया है कि जब बीडीओ द्वारा स्पष्ट रूप से मिट्टी-मोरम कार्यों पर रोक का आदेश पहले ही जारी किया गया था, तो फिर संबंधित योजना का डिमांड किसके निर्देश पर लगाया गया और भुगतान कैसे स्वीकृत हुआ।

यह स्थिति इस ओर संकेत करती है कि प्रखंड स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मियों ने या तो आदेश को गंभीरता से नहीं लिया, या फिर जानबूझकर नियमों की अनदेखी की गई। 

इस मामले में पूछे जाने पर बीडीओ देवलाल करमाली ने कहां की 15 जून के बाद मनरेगा के तहत मिट्टी-मोरम कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था। अगर इसके बावजूद डिमांड या भुगतान हुआ है, तो यह स्पष्ट रूप से आदेश की अवहेलना है। मामले की जांच की जा रही है, और जो भी कर्मी या पदाधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।