नक्सलियों के गढ़ में पटरी पर आ रहा विकास

नक्सलियों के गढ़ में पटरी पर आ रहा विकास

बंशीधर न्यूज

मेदिनीनगर : पलामू जिले के अतिउग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रहे हरिहरगंज प्रखंड अंतर्गत व बिहार की सीमा से सटे सरसोत गांव में विकास अब पटरी पर नजर आने लगा है। लंबे अरसे से अधूरा पड़ा बटाने नदी पर पुल निर्माण कार्य शुरू होने से आसपास के लोगों में बेहतर कृषि कार्य होने की उम्मीद बढ़ी है। वहीं यातायात को भी सुदृढ किया जा रहा है। गांव को जोड़ने वाली दो प्रमुख सड़कें भी बनने की स्वीकृति मिल चुकी है। क्षेत्र उग्रवाद की चपेट में रहने के कारण इस प्रखंड में चुनाव हिंसामुक्त नहीं हो पाता था।

लेकिन काफी दिनों के बाद पुलिस व जिला प्रशासन की सक्रियता से इस बार का लोकसभा व विधानसभा का चुनाव शांतिपूर्ण व हिंसामुक्त सम्पन्न हुआ है। जिससे लोगों में पुनः बेहतर माहौल रहने की उम्मीदें बढ़ी है। सरसोत का इलाका कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। 1995 से लेकर 2000 के बीच कई बड़ी नक्सली घटनाएं हुई। स्कूल भवन उड़ा दिये गये थे और कई ग्रामीणों की हत्या कर दी गयी थी। वैसी स्थिति को देखते हुये वहां ओपी बनाना पड़ा। वर्तमान में पथरा ओपी यहां कार्यरत है। जिससे क्षेत्र के लोग अब सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।

 गांव के गुड्डू सिंह, रंजीत कुमार, जितेन्द्र कुमार, संजय साव एवं अन्य ने बताया कि 10 वर्ष तक नक्सल गतिविधि झेलने के बाद इधर पांच वर्ष से गांव में शांति का माहौल है। पुलिस की मौजूदगी रहती है। नक्सलियों के भय से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लोगों का हाथ पांव फूलने लगते थे। पहले की अपेक्षा अभी विस का चुनाव जहां शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ, वहीं वोटिंग प्रतिशत भी दोगुनी बढ़ी है।इस बार के विधानसभा चुनाव मे 70 प्रतिशत के आसपास मतदान हुआ।

नक्सलियों के प्रभाव के कारण पहले 40 प्रतिशत भी वोटिंग नहीं हुआ करता था। लोकसभा के चुनाव में भी 60 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं पंचायत चुनाव में 80 प्रतिशत के आसपास वोट पड़े थे। रंग लाने लगा है एसपी रीष्मा रमेशन का सार्थक पहल : अभिषेक उर्फ मोनू सरसोत निवासी सह समाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सिंह (मोनू) ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हिंसामुक्त होने का श्रेय जिले की पुलिस कप्तान रीष्मा रमेशन को दिया है। उन्होेंने कहा कि तीन दशक बाद सरसोत समेत पूरे पलामू जिले में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा और लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ। एसपी ने इसमें पूरी सक्रियता दिखाई।

एसपी की सक्रियता के कारण ही उन्हें शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिये चुनाव आयोग ने सम्मानित भी किया है। उन्होंने बताया कि उनका गांव बिहार बॉर्डर से एकदम सटा हुआ है। नक्सली अक्सर घटना करने के बाद बिहार सीमा में प्रवेश कर जाते थे, लेकिन 2019 से पथरा ओपी के कारण नक्सली घटनाओं में कमी आयी है और धड़ल्ले से विकास के कार्य किये जा रहे हैं।