अतिवृष्टि और बाढ़ से तबाह हुये खेत, किसानों की हालत बदतर, धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

अतिवृष्टि और बाढ़ से तबाह हुये खेत, किसानों की हालत बदतर, धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : जिले में लगातार हो रही अतिवृष्टि और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी फसलें तबाह हो गई हैं, मवेशियों के चारे की किल्लत है और ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इस गंभीर स्थिति को लेकर झामुमो मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुलाकात की और उन्हें जिले के हालात से अवगत कराया।

धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के कई प्रखंडों विशेषकर कांडी प्रखंड के हेठार क्षेत्र में मक्का और दलहन की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। खेतों में पानी भरने के कारण किसान अपने खेतों को बचा भी नहीं सके। कई गांवों में धान की फसलें डूब गई हैं और लोग राहत शिविरों में शरण लिये हुये हैं। किसान कभी सूखा, तो कभी अतिवृष्टि से बर्बाद हो रहे हैं। साल भर की मेहनत के बाद भी उन्हें केवल कर्ज और चिंता मिलती है। यदि तत्काल राहत नहीं मिली, तो हालात भयावह हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धीरज दुबे की बातों को गंभीरता से लेते हुये कहा कि सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने संबंधित विभागों को तत्काल नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने और राहत राशि जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही किसानों के कर्ज माफी और फसल बीमा दावों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। धीरज दुबे ने सरकार से अनुरोध किया कि केवल राहत राशि से काम नहीं चलेगा, बल्कि दीर्घकालिक कृषि नीति, वैकल्पिक फसल योजना और स्थायी रोजगार के अवसर भी विकसित किये जाएं।

उन्होंने सुझाव दिया कि जिले में कृषि संकट प्रबंधन केंद्र स्थापित किया जाय ताकि भविष्य में ऐसी आपदा से निपटा जा सके। धीरज दुबे ने बताया कि प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से किसानों के लिये बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत केवल 1 रूपये में फसल बीमा उपलब्ध है, जिसकी अंतिम तिथि 31 अगस्त है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाकर भविष्य के नुकसान से सुरक्षा सुनिश्चित करें।