कलियुग में भगवान को पाने का सहज उपाय है भक्ति : जीयर स्वामी जी

कलियुग में भगवान को पाने का सहज उपाय है भक्ति : जीयर स्वामी जी

बंशीधर न्यूज

मेदिनीनगर : सिंगरा में चल रहे चातुर्मास व्रत कथा में श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि कलियुग में भगवान को पाने का सबसे सहज उपाय भक्ति करना है। भक्ति मार्ग से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। जब भी समय मिले भगवन नाम संकीर्तन अवश्य करें। स्वामीजी ने कहा के भक्ति साधना और उपासना से जो बड़ा होता है वही दुनिया में सबसे बड़ा है। मानव जीवन में ममता, मोह को दूर करने के लिये भक्ति ही एक मार्ग है।

श्रीसूत जी महाराज ने ऋषि मुनियों से कहा कि भगवान् को प्रसन्न करने के अनेक साधन है, उनमें सबसे आसान भक्ति से ईश्वर को प्रसन्न किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान् के गुण, भगवान् की लीला, भगवान् के धाम और चरित्रों का बार-बार गुणगान करने से एक न एक दिन उनका स्वरूप हमारे मन में हमारे दिल में हमारे बुद्धि में हमारे चित्त में उतर जायेगा।

अनेक जन्मों के पुण्य का उदय जब होता है तो व्यक्ति भगवान् के कथा को श्रवण करता है। उन्होंने कहा कि श्रीसूत जी कहते हैं कि सत्संग का मतलब भगवान् की कथा और भगवान् की कथा का मतलब जिन इतिहास, जिन पुराण, जिन घटना को सुनने से हमारे दिल में, हमारे दिमाग में, हमारे बुद्धि में, हमारे चित्त में, हमारे आहार में, हमारे व्यवहार में, हमारे स्वभाव में कोई त्रुटियां हो, कोई दोष हो, कोई खामियां हो, वो सब त्यागने की बात आती हो, वो भगवान् के चरणों में समर्पित होने की भावना आती हो तो उसी का नाम सत्संग है।

हमारे द्वारा किये हुये कर्मों का फल शुभ और अशुभ तो हमें भोगना ही पड़ता है, लेकिन सत्संग, तीर्थ-व्रत, पुजा-पाठ इत्यादि कर्मों द्वारा प्रारब्ध कमजोर होकर हमें भोगना पड़ता है।