नेमरा पहुंचे धीरज, गुरुजी की स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप सीएम हेमंत सोरेन को भेंट की तस्वीर

नेमरा पहुंचे धीरज, गुरुजी की स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप सीएम हेमंत सोरेन को भेंट की तस्वीर

बंशीधर न्यूज

गढ़वा : झामुमो के मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे सोमवार को झारखंड की राजनीति और आदिवासी आंदोलन के प्रणेता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर गुरुजी की एक विशेष तस्वीर उन्हें भेंट की। यह तस्वीर गुरुजी के जीवन संघर्ष, किसानों के हक की लड़ाई और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यह तस्वीर गुरुजी के स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप भेंट की गई। धीरज दुबे ने इस अवसर पर भावुक होते हुये कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पूरा जीवन गरीब, किसान और वंचित वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिये समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि गुरुजी ने अपने जीवन में कभी अपने लिये नहीं, बल्कि झारखंड और यहां के लोगों के लिये संघर्ष किया। उनका सपना एक ऐसा राज्य था जहां हर गरीब को सम्मान और अधिकार मिले। उन्होंने आगे कहा कि गुरुजी का आकस्मिक निधन पूरे राज्य के लिये अपूरणीय क्षति है। उनका जाना न सिर्फ झामुमो के लिये बल्कि पूरे झारखंड के लिये एक गहरा शोक है।

धीरज दुबे ने कहा कि गुरुजी के विचार और संघर्ष आज भी प्रेरणा देते हैं और उनकी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करें। सीएम हेमंत सोरेन भी इस दौरान पूरी तरह भावुक नजर आये। उन्होंने अपने पिता की तस्वीर ग्रहण करते समय कहा कि यह तस्वीर उनके लिये सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि संघर्ष और प्रेरणा का प्रतीक है।

गुरुजी का योगदान और विरासत झारखंड आंदोलन के दौरान गुरूजी ने आदिवासी और मूलवासी अधिकारों की रक्षा के लिये लंबी लड़ाई लड़ी। उन्होंने कई बार जेल की यातना सही, लेकिन अपने संकल्प से पीछे नहीं हटे। उनकी अगुवाई में झारखंड अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र में भी कैबिनेट मंत्री रहे।