ब्लड कैंसर से जूझ रहा फिरोज, पीड़ित परिवार ने सरकार से लगाई सहायता की गुहार

ब्लड कैंसर से जूझ रहा फिरोज, पीड़ित परिवार ने सरकार से लगाई सहायता की गुहार

पिछले तीन वर्षों से ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहा फिरोज

जितेंद्र यादव

डंडई: डंडई प्रखंड के महुडंड गांव निवासी फिरोज़ अंसारी पिता कमरूदीन अंसारी उम्र करीब 32 वर्ष पिछले तीन वर्षों से ब्लड कैंसर की बीमारी से जीवन और मौत से जूझ रहा है। घर का माली हालत खराब होने के कारण उसका समुचित ईलाज नहीं करा पा रहे हैं। कुछ माह पहले फिरोज का इलाज रांची के एचसीजी अस्पताल से चल रहा था। लेकिन चिकित्सकों ने जवाब दे दिया है और स्वजनों को उन्हें दिल्ली एम्स ले जाने की सलाह दिया।

फिरोज की पत्नी तबस्सुम बीबी पिता कमरूदीन अंसारी ने बताया कि घर का आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब है। पैसा के अभाव समुचित ईलाज नहीं करा पा रहे हैं। रांची के चिकित्सकों ने ईलाज के बाद स्पष्ट जवाब दे दिया और दिल्ली के एम्स में ईलाज कराने की सलाह दिया। पैसे के अभाव में फिरोज को कैसे जान बचाए समझ में नहीं आ रहा है। इनका अंतिम ईलाज दिल्ली के एम्स में बचा हुआ।

किसी तरह कर्ज वग़ैरा ले कर पैसा इक्कठा कर के कई अस्पताल में ईलाज करा चुके हैं। लेकिन अब और कर्ज की आस टूटी है और एक-एक पैसे को मर्ज ने मोहताज बना दिया। इधर देर होने से उनकी बीमारी भी और बढ़ती जा रही है,अनहोनी का भी चिंता सता रही है। हमलोग काफी टूट चुके है। कुछ भी बचा नहीं है।

स्वजनों ने सरकार मदद की लगाई गुहार

 फिरोज के स्वजनों ने क्षेत्रीय विधायक अनंत प्रताप देव व सरकार से सहयोग की गुहार लगाई है। वे चाहते हैं कि फिरोज का इलाज दिल्ली एम्स में कराया जा सके और उसकी जिंदगी बचाई जा सके। वही पिता कमरूदीन अंसारी ने भावुक हो कर बताया कि एक वर्ष पूर्व जमीनी विवाद के कारण कोर्ट के आदेश पर घर में तला लगा हुआ है।हमलोग घर के सभी परिवार बेघर और बेसहारा बने हुए है।

गांव के राजेंद्र सिंह ने मानवता दिखाते हुए खाली मकान में आश्रय दिया है। फिलहाल हमलोग सभी परिवार उसी मकान रहते है। फिरोज अंसारी के तीन पुत्री और एक पुत्र है। पूरा परिवार टूट चुका है। बच्चों के आंखों में आंसू और चेहरे पर डर बना हुआ है कि पिता को कुछ हो न जाए।