जंगली हाथियों के झुंड ने युवक को कुचल कर मारा

जंगली हाथियों के झुंड ने युवक को कुचल कर मारा

सुबह 9 बजे तक कोई भी अधिकारी, कर्मचारी के नहीं पहुंचने से गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा

बलराम शर्मा

मेराल: थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती पहाड़ी के तलहटी में बसे बहेरवा गांव में रविवार की देर शाम में हाथियों के झुंड ने आदिम जनजाति के एक युवक को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान बहेरवा गांव के मुनी परहिया का 25 वर्षीय पुत्र रमेश परहिया के रूप में किया गया है। जानकारी के अनुसार मृतक रमेश परहिया रविवार की देर शाम करीब 7:00 बजे अन्य तीन युवकों के साथ जरही बाजार से जरूरी राशन लेकर घर जा रहा था।

घर पहुंचने से डेढ़ किलोमीटर पूर्व ही युवकों ने हाथी के झुंड को आते देख इधर-उधर भागने लगे। साथियों द्वारा बताया गया कि रमेश हड़बड़ी में अपना राशन का झोला रोड पर रख कर बगल के झाड़ी में छुप गया जो उसके लिए काल बन गया। रमेश को झाड़ी से खींच कर हाथियों ने कुचल डाला। बाद में हाथियों के जाने के बाद उन लोगों ने इसकी सूचना घरवालों को दी, आनन फानन में परिजन घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति को देखते ही दहाड़ मार कर रोने लगे।

परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। सूचना मिलने पर सोमवार की सुबह में मुखिया पति जगजीवन रवि घटनास्थल पहुंच कर मामले का जानकारी लिया और परिजनों को ढांढस बांधते हुए सरकारी प्रावधान के तहत उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। परंतु सुबह 9 बजे तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी के नहीं पहुंचने से गुस्साए आदिम जनजाति के परिजनों ने शव को वही सड़क पर रखकर हंगामा करने लगे।

करीब 10:30 बजे वन विभाग के अधिकारी, मेराल के सीआई और थाना पुलिस पहुंचकर गुस्साए लोगों को समझा बुझाकर वन विभाग के वनपाल अभिषेक कुमार मेहता द्वारा दाह संस्कार के लिए तत्काल एक लाख रुपए नगद तथा तीन लाख रुपए परिजन के खाता में मुआवजा की राशि दिलाने का भरोसा दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए। थाना पुलिस द्वारा पंचनामा के बाद शव को अपने कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण के लिए गढ़वा सदर अस्पताल भेज दिया।

एक सप्ताह पूर्व ही एसडीओ और बीडीओ देकर आए थे आश्वासन

बता दें कि गत वर्ष हाथियों द्वारा इस गांव के लगभग सभी घरों को क्षति पहुंचा दिया था। तभी से कुछ लोग हाथियों के आतंक से डर कर जंगल से चार किलोमीटर दूर चिनिया गढ़वा मुख्य पथ के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। जिसका खबर प्रकाशित होने पर जनप्रतिनिधियों के बाद एसडीओ संजय कुमार, प्रभारी बीडीओ यशवंत नायक ने झोपड़ी में रह रहे आदिम जनजाति परिवार से मिलकर उनका हाल जाना और आवास तथा आजीविका चलाने के लिए आवश्यक सहयोग करने तथा जान माल की सुरक्षा दिलवाने का आश्वासन दिया गया।

परंतु कोई ठोस पहला नहीं उठाने की वजह से आज आदिम जनजाति के एक युवक की जान चली गई। प्रखंड प्रमुख ने दिशा की बैठक में उठाया था मामला पिछले सप्ताह ही प्रखंड प्रमुख दीपमाला कुमारी द्वारा जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में यहां के आदिम जनजाति परिवारों की समस्या को मजबूती से उठाते हुए इनके जीवन यापन तथा रहने के लिए घर बनवाने की कवायत की गई थी। बावजूद वन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।