झोपड़ी में रहने वाले कई लोगों का नहीं स्वीकृत हुआ अबुआ आवास

झोपड़ी में रहने वाले कई लोगों का नहीं स्वीकृत हुआ अबुआ आवास

बंशीधर न्यूज

डंडई: झारखंड सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास शुरुआती दौर में ही सरकारी बाबुओं, पंचायत कर्मियों व प्रतिनिधियों की मनमानी के चक्रव्यूह में फंस गया है। ऐसा ही मामला प्रखंड के सोनेहारा, करके व अन्य पंचायतों में सामने आया है।

झारखंड सरकार द्वारा बेघर व झोपड़ी नुमा घर में निवास करने वाले लोगों को रहने के लिए अबूआ आवास योजना बनाई गई थी। जिसके तहत वैसे लोगों को अबुआ आवास के सुविधा से अच्छादित करना है। जिनके पास पूर्व में सरकारी स्तर से किसी भी तरह से आवास का लाभ नहीं मिला है।

समाज में असहाय व निहायत गरीब लोगों को चिन्हित कर आवास की सुविधा मुहैया कराई जानी है। जिनके पास पक्का मकान नहीं होना चाहिए। लेकिन ठीक इसके विपरीत पंचायत के जिम्मेदार प्रतिनिधि व सरकारी कर्मचारी की मिली भगत से असहाय झोपड़ी में निवास करने वाले लोगों को इस लाभ से वंचित करने का खेल चल रहा है।

सोनेहरा गांव निवासी सकेंद्र राम, ललिता देवी,प्रमिला देवी, इन्द्रवती देवी व करके गांव निवासी फुल कुवर देवी, हीरा राम सहित अन्य लोगों ने बताया कि हमारे पास रहने के नाम पर झोपड़ी व खपड़ैल का टूटा फूटा घर है। अबुआ आवास का आवेदन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में दिए जाने के बावजूद भी आबुआ आवास के सूची में नाम शामिल नहीं किया गया है।

अबुआ आवास के जरूरतमंद लोगों का सर्वेक्षण करने का कार्य प्रखंड कार्यालय के बाबुओं को सौंपा गया था। लेकिन घास फूस से बनाए हुए झोपड़ीनुमा घर में सालों भर रहने वाले को अबुआ आवास की सुविधा से वंचित कर जो व्यक्ति सक्षम है उनका आवास के सूची डाला गया है। उक्त सभी ने कहा की हमलोग गरीब हैं। अपना पेट पालना मुस्किल रहता है तो बाबुओं को कैसे खुश करके आवास का लाभ उठा सकेंगे।

बीडीओ जागो महतो ने कहा कि इसकी जानकारी हमें नहीं है। आवेदन मिलने पर जांच- पड़ताल कर कार्रवाई करते हुए आवास योजना का लाभ दिया जाएगा।