जेटेट नियमावली में भोजपुरी, मगही और हिंदी को शामिल करने की मांग तेज, उपायुक्त को सौंपा गया ज्ञापन

बंशीधर न्यूज
गढ़वा : झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 को लेकर जिले में भाषाई असंतोष गहराता जा रहा है। गढ़वा की प्रमुख स्थानीय भाषाएं भोजपुरी, मगही और हिंदी जेटेट की क्षेत्रीय भाषा सूची में शामिल नहीं की गई हैं, जिससे युवाओं और सामाजिक संगठनों में नाराजगी फैल गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों और जागरूक युवाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में मांग की गई कि इन भाषाओं को गढ़वा जिले की क्षेत्रीय भाषा के रूप में सूचीबद्ध कर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजा जाय। ज्ञापन में कहा गया कि भोजपुरी, मगही और हिंदी गढ़वा की सामाजिक, सांस्कृतिक और संवाद की मूल भाषा हैं। इनकी अनदेखी न केवल भाषाई असमानता को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय अभ्यर्थियों के अवसरों को भी सीमित करती है।
प्रतिनिधियों ने पूर्व में इस मुद्दे पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर और विधायक आनंद प्रताप देव द्वारा उठाये गये प्रयासों की भी याद दिलाई। युवाओं ने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन इस बार ठोस कदम उठाकर इन भाषाओं को उचित मान्यता दिलवायेगा। मौके पर धीरज दुबे, हरिओम यादव, अविनाश द्विवेदी, सौरभ सिंह, प्रियम सिंह, नवीन तिवारी, आर्यन सिंह, रवि ठाकुर आदि युवा शामिल थे।