राधे राधे के जयघोष के बीच सात दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का हुआ श्रीगणेश

बंशीधर न्यूज
श्री बंशीधर नगर : श्रीराधा वंशीधर जी की पावन भूमि श्री बंशीधर नगर में रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार और श्रीराधावंशीधर जी की जय के जयघोष के बीच सात दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का श्रीगणेश हुआ। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ अनुमंडल न्यायालय नगर ऊंटारी के एडीजे प्रथम संजय कुमार सिंह एवं न्यायिक दंडाधिकारी सह रजिस्ट्रार शैलेन्द्र कुमार नापित ने श्रीराधावंशीधर जी एवं श्रीमद्भागवत पूजन अर्चन के पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
रविवार 2 बजे दिन से सायं 6 बजे तक तीर्थराज प्रयागराज से पधारे जगदगुरु रामानुजाचार्य श्री मुक्तिनाथ स्वामी जी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद्भभागवत कथा पीयूष की रसधार बह रही है। वृंदावन की रासमंडली द्वारा रात्रि में 8 बजे से 11 बजे तक रासलीला का मंचन किया जा रहा है। कार्यक्रम के पूर्वार्द्ध में श्री बंशीधर मंदिर में विधिपूर्वक पूजा अर्चना के बाद मंदिर से प्रवचन पंडाल तक भव्य श्रीमदभागवत शोभायात्रा निकाली गयी।
तीर्थराज प्रयागराज से पधारे कथावाचक जगदगुरु रामानुजाचार्य श्री मुक्तिनाथ स्वामी जी महाराज के संरक्षण में निकली यात्रा में मंदिर के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव सिर पर श्रीमदभागवत रखकर सबसे आगे चल रहे थे। श्री वंशीधर मंदिर से निकली यात्रा मंदिर की परिक्रमा कर बगल में स्थित श्रीमदभागवत कथा पंडाल में समाप्त हुई।
उस मौके पर मंदिर के आचार्य सत्यनारायण मिश्र, ट्रस्ट के सलाहकार राजेश कुमार पांडेय, धीरेन्द्र चौबे, व्यवस्थापक सुरेश विश्वकर्मा, नंदू लाल, प्रबंधक सुजीत कुमार अग्रवाल, यजमान नागेंद्र प्रसाद, डॉ निशीथ नीरव, बैजनाथ तिवारी, मुक्तेश्वर पांडेय, अमरनाथ पांडेय, रिटायर्ड कैप्टन सुनील चौबे, वीरेंद्र चौबे, राजू सिंह, चेंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक राम प्रसाद, हृदयानंद कमलापुरी, गोपाल जायसवाल, वीरेन्द्र प्रसाद, रजनीकांत देव, विद्याभास्कर, राजन कुमार समेत बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।
श्रीकृष्ण की नजर में अर्जुन और सुदामा दोनों समान : एडीजे
एडीजे प्रथम संजय कुमार सिंह ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सभी को समान दृष्टि से देखते हैं। उनकी नजर में वीर अर्जुन और सुदामा दोनों समान हैं। श्रीकृष्ण का जीवन दर्शन मानव को सतपथ पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि डाल्टनगंज में पोस्टिंग के दौरान एक बार श्री वंशीधर जी का दर्शन करने का अवसर मिला था अब श्री वंशीधर जी कृपा से इसी नगरी में सेवा का अवसर मिल गया है। यहां श्री वंशीधर जी की प्रतिमा अद्भुत और अलौकिक है।
मंदिर आने पर अलग अनुभूति होती है। रजिस्ट्रार शैलेंद्र कुमार नापित ने कहा कि श्री वंशीधर जी यहां त्रिदेव के रूप में विराजमान हैं। उस मौके पर मंदिर के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव, मुक्तेश्वर पांडेय, अमरनाथ पांडेय ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन धीरेन्द्र चौबे एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशीथ नीरव ने किया।