लालगढ़ बिहार रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर आभाव, पेयजल की भी नहीं है कोई व्यवस्था

प्लेटफार्म पर लगा तीनों चापानल बेकार, शिकायत के बाद भी नहीं कराई गई मरम्मति
वर्ष 1978 में शुरू हुआ था लालगढ़ बिहार स्टेशन, अभी तक रेल सुविधाओं का नहीं किया गया विस्तार
बंशीधर न्यूज
विश्रामपुर : सीआईसी सेक्शन में लालगढ़ बिहार स्टेशन की शुरुआत आज से करीब पांच दशक पूर्व कराया गया था। लेकिन इतने समय बीतने के बाद भी वहां यात्री सुविधाओं का घोर आभाव है। अमृत भारत योजना के तहत सभी स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। बावजूद लालगढ़ बिहार इससे वंचित है। प्लेटफार्म पर तीन चापानल पहले से लगाया गया है। इस भीषण गर्मी में सभी चापानल पानी देना बंद कर दिया है।
अब सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त स्टेशन पर इस भीषण गर्मी व चिलचिलाती धूप में क्या स्थिति होती होगी। यह नहीं कि इसकी शिकायत सम्बंधित अधिकारियों से नहीं की गई है। कई बार शिकायत के बाद भी खराब पड़े चापानलों की मरम्मति अभी तक नहीं कराई गई। ऐसा भी नहीं कि उक्त स्टेशन से रेलवे को कम राजस्व की प्राप्ति होती है। प्रत्येक महीने में औसतन डेढ़ से दो लाख रुपये की टिकट वहां से कटती है।
सभी यात्री गाड़ियों के अलावे वहां पलामू एक्सप्रेस का भी ठहराव होता है। लेकिन सभी गाड़ियां अपने मन से लगती और खुलती हैं। क्योंकि अभी तक न तो रेल उपकरणों का विस्तार किया गया है और न ही यात्री सुविधाओं का। फलतः भगवान भरोसे हजारों यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। तीनो ट्रैक से लगातार गाड़ियों का आना जाना लगा रहता है। वाबजूद वहां आज भी लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर ट्रेन से उतरते व चढ़ते हैं।
वहां के प्लेटफार्म को न तो उच्चा किया गया और न ही एफओबी बनाया गया। वहां के प्रबुद्धजनों ने उक्त स्टेशन पर यात्री सुविधाओं के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विस्तार करने की गुहार लगाई है। हालांकि कई बार इन समस्याओं को लेकर धरना, प्रदर्शन व रेल चक्का जाम हुआ है। बावजूद वहां के लोगों की आवाज रेल प्रशासन की कानों तक नहीं पहुंची है। नतीजा यात्री सरकारी सुविधाओं से महरूम हैं।