मां शायर देवी धाम महोत्सव : बह रही है भक्ति और ज्ञान की धारा

छठे दिन भक्ति का फल उर्फ भाई-भाई का प्यार नाट्य का हुआ मंचन
बलराम शर्मा
मेराल: प्रसिद्ध मां शायर देवी धाम का चल रहा पांचवा वार्षिक महोत्सव में भक्ति और ज्ञान की धारा बह रही है, जहां सैकड़ों लोग प्रसिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना तथा चल रहे श्री रामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ में परिक्रमा कर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं वहीं रात्रि में चल रहे ज्ञानवर्धक सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्य ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।
महोत्सव के छठे दिन शुक्रवार की रात्रि में जय बजरंग ड्रामा पार्टी पूर्वारा टोला के अनुभवी कलाकारों द्वारा भक्ति का फल उर्फ भाई-भाई का प्यार नमक नाट्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विह्वल कर दिया। दिखाया गया कि चित्रसेन एक प्रसिद्ध राजा थे, उनकी कुशलता और न्यायप्रिय शासन के लिए उन्हें जाना जाता था। वे अपनी पत्नी से भी बहुत प्यार करते थे इसलिए एक आदर्श पति भी थे। परंतु शादी के 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई संतान नहीं हुई।
बाद में ऋषिगण को बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करने पर उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। नाट्य प्रस्तुति डायरेक्टर डॉ लालमोहन, रंजीत कुमार तथा अरविंद महतो के निर्देशन में राजा चित्रसेन का अभिनय श्यामलाल कुशवाह, रानी का नंदलाल मेहता, मंत्री का राजेंद्र कुशवाहा, सेनापति का चंदेश्वर मेहता, गडरिया का सुदर्शन मेहता, उनके दोनों पुत्र का राम जी कुशवाहा एवं कृष्णा कुशवाहा, महात्मा का गुप्तेश्वर मेहता, वैद्य का राजकुमार बैठा तथा अंधी का अभिनय राजकुमार बैठा ने किया।